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कांग्रेस और ममता बनर्जी में नहीं बनी बात का कारन बने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी 

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नई दिल्ली 
'INDIA' यानी विपक्षी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर तकरार का दौर जारी है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बनने की वजह कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को बताया है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे से इनकार कर दिया था। टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच गठबंधन कारगर नहीं होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी जिम्मेदार हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य में अकेले मैदान में उतरेगी। ओ ब्रायन ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में गठबंधन कारगर नहीं हो पा रहा, उसकी वजह अधीर रंजन चौधरी हैं। उन्होंने कहा कि 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (INDIA) के अनेक आलोचक थे, लेकिन केवल दो -भाजपा और चौधरी ने बार-बार गठबंधन के खिलाफ बयान दिए हैं।

ओब्रायन ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'आम चुनाव के बाद यदि कांग्रेस अपना काम कर लेती है और अच्छी खासी संख्या में सीटों पर भाजपा को हरा देती है तो तृणमूल कांग्रेस उस मोर्चे में पूरी तरह शामिल रहेगी जो संविधान में विश्वास रखता है और उसके लिए लड़ता है।' पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अचानक घोषणा की कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में अकेले मैदान में उतरेगी। इससे विपक्षी गठबंधन को झटका लगा। इसके बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ममता बनर्जी के बिना 'इंडिया' गठबंधन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

बंगाल पहुंची कांग्रेस की यात्रा
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' ने असम के गोलकगंज से गुजरते हुए राज्य में अपनी यात्रा समाप्त की और बृहस्पतिवार को सुबह पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर गई। असम के गौरीपुर में अपने रात्रि विश्राम के बाद राहुल गांधी ने राज्य में अपनी यात्रा के आठवें और आखिरी दिन की शुरुआत कुछ दूरी तक एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) के जरिये की और फिर गोलकगंज पहुंचने के लिए बस में सवार हुए।

6-27 जनवरी को दो दिन के विराम के बाद यात्रा जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग जिलों से गुजरेगी और 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेगी। इसके बाद यात्रा 31 जनवरी को मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश करेगी और मुर्शिदाबाद से होकर गुजरेगी तथा एक फरवरी को राज्य से प्रस्थान करेगी। मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों को राज्य में कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यात्रा का पश्चिम बंगाल चरण पांच दिनों में छह जिलों और छह लोकसभा क्षेत्रों – दार्जिलिंग, रायगंज, उत्तर और दक्षिण मालदा और मुर्शिदाबाद में दो संसदीय क्षेत्रों से होकर गुजरेगा जिसके तहत 523 किलोमीटर की यात्रा होगी।