मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2024) से पहले कांग्रेस ने बागियों के खिलाफ सख्ती की शुरुआत कर दी है. पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले 22 नेताओं को कांग्रेस ने सस्पेंड कर दिया है. इन नेताओं को पार्टी के खिलाफ काम करने के चलते 6 साल के लिये निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल, महाराष्ट्र में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले बागी उम्मीदवार कांग्रेस के लिए चुनौती खड़ी करते दिख रहे हैं. जिन 22 नेताओं को पार्टी से निकाला गया है, उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (MVA) के उम्मीदवारों के खिलाफ ही ताल ठोंक रखी है.
पार्टी से निकाल दिये गए ये दिग्गज
कांग्रेस से निकाले गए नेताओं में कई दिग्गज भी शामिल हैं. इनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र मुलक (रामटेक निर्वाचन क्षेत्र), याज्ञवल्क जिचकर (काटोल), कमल व्यवहारे (कसबा), मनोज शिंदे (कोपरी पचपखाड़ी) और आबा बागुल (पार्वती) शामिल हैं. बागियों पर एक्शन के बाद कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी रमेश चेन्निथला के निर्देश पर लिया गया है.
कब है महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 20 नवंबर को होगी. महाराष्ट्र, झारखंड और अन्य उपचुनावों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. महाराष्ट्र में इस समय दो मुख्य गठबंधन के बीच मुकाबला है जिसमें MVA और महायुति शामिल हैं. महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे)और NCP (अजित पवार) शामिल हैं.
इन्हें भी किया पार्टी से बाहर
जिन बागी उम्मीदवारों को पार्टी से निष्कासित किया गया है, उनमें सिंदखेडा से बागी शामकांत सनेर, श्रीवर्धन से राजेंद्र ठाकूर, पर्वती से आबा बागुल, शिवाजीनगर से मनीष आनंद, परतूर से सुरेश कुमार जेथलीया और कल्याण बोराडे, रामटेक सीट से चंद्रपाल चौकसे, सोनल कोवे, मनोज सिंधे, अविनाश लाड, आनंदराव गेदाम, शब्बीर खान, हंसकुमार पांडे, मंगल भुजबल, अभिलाषा गावतुरे, कमल व्यवहारे, मोहनराव दांडेकर, प्रेमसागर गणवीर, याज्ञवल्क्य जिचकर, अजय लांजेवार, राजेंद्र मुलक, विजय खडसे और विलास पाटिल का नाम शामिल हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है. 20 नवंबर को वोटिंग के होगी और 23 नवंबर को काउंटिंग होगी. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने वाला है.
इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी के सामने लोकसभा चुनाव परिणाम को दोहराने की चुनौती है तो वहीं महायुति को दोबारा सत्ता में आने के लिए 145 सीटें हासिल करनी होंगी. दोनों पार्टियां अपना दम-खम दिखाने की पूरी कोशिश कर रही हैं.