कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की कथित अनिच्छा के लिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। ममता बनर्जी ने मौजूदा भाजपा शासन के साथ-साथ केंद्र की पिछली सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि पिछले 20 वर्षों में 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने के उनके निरंतर प्रयास विफल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने महान स्वतंत्रता सेनानी की 127वीं जयंती के अवसर पर नेताजी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मैं पिछले 20 साल से नेताजी के जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कराने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रही हूं। लेकिन मेरी सारी कोशिशें बेकार गईं और मैं अभी भी वह हासिल नहीं कर पाई हूं। भारत में राजनीतिक कारणों से छुट्टियाँ घोषित की जाती हैं, लेकिन महान आत्मा की जयंती के अवसर पर नहीं। यह शर्म की बात है। उन्होंने नेताजी के लापता होने के पीछे के रहस्य को सुलझाने की पहल नहीं करने के लिए केंद्र की मौजूदा सरकार पर भी तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा, केंद्र में सत्ता में आने से पहले, वर्तमान सत्तारूढ़ दल ने रहस्य को सुलझाने के प्रयास करने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद उसने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया। वहीं, 2011 में पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने के बाद हमने नेताजी से संबंधित 64 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया जो हमारे राज्य अभिलेखागार में संरक्षित थीं। बनर्जी ने योजना आयोग को भंग करने और उसकी जगह नीति आयोग लाने के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
मुख्यमंत्री ने कहा, योजना आयोग नेताजी के दिमाग की उपज थी। उन्होंने (मोदी सरकार ने) इसे भंग कर दिया। यहां तक कि नेताजी के नाम पर रखे गए डॉकयार्ड का नाम भी बदल दिया गया। अब विकास की कोई योजना नहीं है। अब सिर्फ केवल क्रूरता और लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की योजना है।