Home राज्यों से एक विवाह ऐसा भी : दो समाजसेवी जब बने जीवनसाथी तो 70...

एक विवाह ऐसा भी : दो समाजसेवी जब बने जीवनसाथी तो 70 लोगों ने किया महादान, दूल्हा-दुल्हन ने भी किया रक्तदान

2

औरंगाबाद.

धूम-धड़ाके और पानी की तरह रुपये बहा कर होने वाली खर्चीली शादियों से सब लोग वाकिफ हैं। वहीं कुछ ऐसी भी शादियां होती है, जो न केवल समाज को अच्छा संदेश देती है बल्कि इतिहास भी बन जाती है। ऐसे ऐतिहासिक पलों के साक्षी बने लोग खुद को भी खुशनसीब मानते हैं। ऐसी शादी लाखों में एक होती है। ऐसी ही एक शादी सोमवार की रात भी हुई, जहां दो दिलों ने परिणय सूत्र में बंधने के पहले कुछ ऐसा किया कि दोनों ही समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन गए।

उनके इस कार्य में बाराती और सराती दोनों पक्ष के लोगों ने दिल खोल कर साथ दिया और वह भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह और किरदार बन गए। किरदार बनकर उन्होने भी गर्व का अनुभव किया। दरअसल, यह अनोखी-अनूठी और अपने आप में इतिहास रचने वाली शादी बिहार के औरंगाबाद के हसपुरा में संपन्न हुई है। यह शादी अनीश केशरी और सिमरन केशरी की है। इस शादी के सभी रस्म, रिवाज, परंपराएं सब कुछ आम ही है लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि यह शादी खास बन गई।

वर्क के दौरान ही दोनों में हुआ प्यार
दरअसल, लड़का-लड़की दोनों ही सोशल एक्टिविस्ट है। सोशल वर्क के दौरान ही दोनों एक-दूसरे के करीब आए। दोनो में प्यार हुआ। दोनों की जति एक ही थी। लिहाजा दोनों के परिवार वालों ने उनके रिश्ते को सहर्ष ही स्वीकार कर लिया। लव मैरिज अरेंज मैरिज में तब्दील हो गई। दोनों की शादी के कार्ड के कवर पर ही जीवन बचाने की मुहिम का संदेश था। शादी के कार्ड को तो सबने पढ़ा। सबकी उस मैसेज पर नजर भी गई पर लोगों को यह सपने में भी उम्मीद नही रही होगी कि शादी के दिन जो होगा, वह न केवल आश्चर्यजनक होगा बल्कि इतिहास भी रच देगा।

शादी के दिन पता चली संदेश की हकीकत
दरअसल शादी के कार्ड के कवर पर 'गिव ब्लड सेव लाइफ' के स्लोगन का लोगों छपा था, जिस पर लोगों की नजर तो जरूर गई लेकिन इसके पीछे वर-वधू के रहस्यमय भाव को लोग तोड़ नहीं पाए। दहेज में खून का उपहार-चूंकि मामला लव मैरिज से अरेंज मैरिज का था। शादी के पहले ही लड़के ने लड़की वालों से यह कह डाला था कि मैं तो लव मैरिज ही कर लेता लेकिन हमारे प्यार को आपने स्वीकार किया। लिहाजा लव के अरेंज मैरिज होने से मुझे कोई परेशानी नही है लेकिन इसके लिए दहेज नहीं उपहार चाहिए। उपहार में मुझे रुपये-पैसे और धन-दौलत नहीं बल्कि वह चाहिए जो किसी के जीवन को बचाने में काम आती हैं। लड़की पक्ष के ही नहीं वर पक्ष के भी लोग उपहार में मुझे वह अनमोल चीज दे सकते हैं। वर पक्ष के देने वालों को भी यह मानेंगे कि वह भी मुझे अपना अति प्रिय मानते हैं। दरअसल, लड़के ने लड़की वालों को कहा था कि शादी के वक्त रक्तदान शिविर लगेगा और वर-वधू दोनों ही पक्ष के लोगों में जिनकी इच्छा होगी, वह स्वैच्छिक रक्तदान करेंगे।