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सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी की ओर से राम मंदिर का न्योता ठुकराए जाने पर अब पार्टी के भीतर भी आवाज उठने लगी

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नई दिल्ली
सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी की ओर से राम मंदिर का न्योता ठुकराए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां कांग्रेस की घेराबंदी में जुटी है तो अब पार्टी के भीतर भी आवाज उठने लगी है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि इसका नुकसान होगा और चुनाव में इसका नतीजा दिख जाएगा। उन्होंने पार्टी को यह भी याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही ताला खुलवाया था।

एएनआई से बातचीत में कांग्रेस के पूर्व विधायक ने कहा कि न्योते को ठुकराने से नुकसान हो चुका है और इसका नतीजा चुनाव में दिख जाएगा। उन्होंने कहा, 'जहां तकक निमंत्रण का सवाल है इसको ठुकराने का क्या मतलब है। हम क्या संदेश दे रहे हैं। जब राजीव गांधी ने वहां ताला खुलवाया था। तो आप कौन हैं मना करने वाले। इस तरह के सलाहकार हमारा नेतृत्व रखेगा तो जैसे परिणाम आ रहे हैं वैसे आते रहेंगे। अब दोबारा विचार करें या ना करें, बयान बदले या ना बदलें, नुकसान हो चुका है और चुनाव में दिख जाएगा।'

लक्ष्मण सिंह ने राममंदिर के लिए हुए संघर्ष को याद करते हुए राजीव गांधी और वीर बहादुर सिंह का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ' राजीव गांधी जी ने ताला खुलवाया, वीर बहादुर सिंह जी मुख्यमंत्री थे उन्होंने 46 एकड़ जमीन राम मंदिर न्यास को देने की बात कही और भव्य मंदिर निर्माण की बात की। दुर्भाग्य से हट गए और राजीव जी की हत्या हो गई तो मामला खटाई में पड़ गया। उसके बाद पूरे देश के साधु-संतों ने इस लड़ाई को लड़ा, बुद्धिजीवी, पत्रकार और राजनीतिक दल जुड़े और लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़े। जीतकर अब मंदिर का निर्माण करा रहे हैं। जिन्होंने यह लड़ाई लड़ी है निर्णय वही करेंगे। उन्होंने निर्णय लिया है।'