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प्रत्येक सक्रिय गौठान से रोजाना औसतन दो क्विंटल गोबर खरीदने कलेक्टर ने दिए निर्देश

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प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के जिले में क्रियान्वयन को लेकर कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने आज साप्ताहिक समीक्षा बैठक लेकर उप संचालक कृषि को निर्देशित किया कि जिले के प्रत्येक गौठान में रोजगार औसतन दो क्विंटल गोबर की खरीदी सुनिश्चित करें। साथ ही पोर्टल में एमआईएस एंट्री करने के निर्देश दिए।
आज सुबह 9.30 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना में मुख्यतः तीन कार्यों पर फोकस करें। गोबर की खरीदी, उससे गुणवत्तापूर्ण खाद निर्माण और उसका उत्पादन के अनुपात में विक्रय सुनिश्चित करना। इन कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी सक्रिय गौठानों में अन्य आजीविकामूलक गतिविधियों के लिए आवश्यक साधन एवं संसाधन की पूर्ति करने के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश उप संचालक कृषि को दिए। साथ ही गौठान में समुचित चारागाह विकसित करने, बकरीपालन, कुक्कुटपालन, आदि के लिए पशुधन विकास विभाग, मछलीपालन के लिए मत्स्यपालन विभाग और सामूहिक बाड़ी तथा सब्जी आदि के उत्पादन के लिए उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को विभागीय योजनाओं के माध्यम से समूहों को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्देशित किया। कलेक्टर ने सभी चिन्हांकित गौठानों में जल्द से जल्द बाड़ी विकसित करने के लिए कहा। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे के गौठानों में लावारिस मवेशियों के रखरखाव तथा ऐसे पशुओं और पशुपालकों को चिन्हांकित करने के लिए उप संचालक पशुपालन को निर्देश दिए। ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में स्थित गौठानों में भी गोबर खरीदी व खाद निर्माण व विक्रय के लिए आयुक्त नगरपालिक निगम को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने गोबर खरीदी की एमआईएस एंट्री प्रतिदिन करने के लिए निर्देशित किया, जिससे राज्य के पोर्टल में अद्यतन आंकड़े प्रदर्शित हो सके। उन्होंने गोमूत्र खरीदी का एमआईएस एंट्री नहीं किए जाने पर इसे भी आज ही करने के लिए उप संचालक को निर्देश दिए।
बैठक में उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के 287 सक्रिय गौठान स्थित हैं, जिनमें 279 ग्रामीण क्षेत्र और 08 नगरीय निकाय क्षेत्र में स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 3 लाख 78 हजार 762 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, जिसमें 71 हजार 091 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर 60 हजार 156 क्विंटल का विक्रय किया गया है जो कुल उत्पादित खाद का 84.62 प्रतिशत है, जबकि 54.61 प्रतिशत सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किया जा चुका है। बैठक में अधिकारीद्वय ने गोबर खरीदी, खाद निर्माण, विक्रय तथा आजीविकामूलक गतिविधियों को तेज करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।