कराची
पाकिस्तान ने भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए कट्टरपंथी तत्वों को अपने यहां पाला पोसा, लेकिन अब यही कट्टरपंथी तत्व उसके लिए सिरदर्द बन गए हैं। बता दें कि भारत के लिए आतंकवाद के बीज बोने वाला पाकिस्तान आज खुद आतंकवाद से पीड़ित है। पाकिस्तान के दो थिंक टैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां आतंकवाद से संबंधित हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा साल 2023 में बीते छह सालों में सबसे ज्यादा रहा।
पाकिस्तान में 2023 में आतंकी घटनाओं में 1524 लोगों की मौत हुई
पाकिस्तान के थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में 789 आतंकी हमलों और आतंक रोधी कार्रवाई के दौरान 1524 लोगों की मौत हुई और 1463 लोग घायल हुए। मरने वालों में 1000 आम नागरिक थे और अन्य सुरक्षा बलों के जवान। आतंकी घटनाओं में मृतकों का आंकड़ा बीते छह साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2018 में इतनी मौतें हुईं थी। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में साल 2021 के बाद से लगातार तेजी आ रही है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान आतंकी हिंसा के केंद्र बने हुए हैं।
बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा हिंसा
पाकिस्तान में हुए कुल आतंकी हमलों में से 84 फीसदी हमले इन दो राज्यों में हुए हैं। वहीं मरने वाले 90 फीसदी लोग भी इन्हीं दो राज्यों से थे। वहीं पंजाब और सिंध प्रांत में सिर्फ आठ फीसदी आतंकी घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और 2022 में जहां पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में 980 लोग मारे गए थे, 2023 में ये आंकड़ा 1524 तक पहुंच गया। पंजाब और सिंध में भले ही आतंकी घटनाएं कम हुई हैं लेकिन सिर्फ इन राज्यों के आंकड़ों के अनुसार इसमें 96 फीसदी की तेजी आई है। वहीं सिंध में 26 प्रतिशत लोग ज्यादा मारे गए हैं।
खास बात ये है कि पाकिस्तान में हुईं आतंकी घटनाओं में सिर्फ 17 फीसदी प्रतिबंधित संगठनों जैसे तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, बलोच लिबरेशन आर्मी और इस्लामिक स्टेट खोरासान ने अंजाम दी हैं। पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के खिलाफ 197 ऑपरेशन चलाए, जिनमें 545 आतंकी मारे गए। एक अन्य थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज ने भी अपनी सालाना रिपोर्ट में भी पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में तेजी का दावा किया है। इसकी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में साल 2023 में हर महीने 53 आतंकी हमले हुए, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 32 था।
जारी रिपोर्ट में कहा गया कि आतंकवाद के कारण मौत के मामले में यह छह साल का उच्चतम स्तर है, जो 2018 के स्तर से अधिक और 2017 के बाद से सबसे अधिक है। सीआरएसएस ने कहा कि 2021 के बाद से देश में हर साल हिंसा और आतंकी हमलों में वृद्धि हुई है। इसने खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों को हिंसा के मुख्य केंद्रों के रूप में चिह्नित किया। इस अवधि के दौरान दर्ज की गई सभी मौतों में से 90 प्रतिशत इन प्रांतों में हुईं। इसके विपरीत, पंजाब और सिंध प्रांतों में संयुक्त रूप से 2023 में केवल आठ प्रतिशत मौतें हुईं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में कुल मौतों की संख्या 980 से बढ़कर 2023 में 1,524 हो गई। इसमें बलूचिस्तान प्रांत में 57 प्रतिशत और खैबर पख्तूनख्वा में 55 प्रतिशत की चिंताजनक बढ़ोतरी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2023 में दर्ज की गई सभी हिंसा संबंधी मौतों में से लगभग 65 प्रतिशत मौतें आतंकवादी घटनाओं के कारण हुईं, जबकि शेष 35 प्रतिशत मौतें आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियानों से हुईं। इसमें कहा गया है कि देश में साल में कम से कम 586 आतंकवादी हमले किए गए। देश के सुरक्षा बलों ने इस अवधि में आतंकी समूहों के खिलाफ 197 अभियान चलाए, जिनमें 545 आतंकवादी मारे गए।