रायपुर
सूबे में सरकार बदलते ही चौतरफा बदलाव की बयार चल रही है,इस बीच खेल संघों में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है, कब होगी यहां शुरूआत। हालांकि नियम कायदों को माने तो कुछ में समय लग सकता है लेकिन कुछ में जरूरत नहीं हैं,कभी भी संभव है। जिन संघों में कांग्रेस नेता काबिज हैं क्या वे स्वंय इस्तीफा देंगे या बैठक बुलाकर उन्हे हटा दिया जायेगा। सीओए के सारे पदाधिकारी भी नमस्ते हो जायेंगे। .
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नए मुखिया होंगे। सीओए के पूर्व महासचिव बलदेव सिंह भाटिया, विक्रम सिंह सिसोदिया जैसे पूर्व पदाधिकारियों की एंट्री तय मानी जा रही है। खेल संघ से जुड़े पुराने लोगों का कहना है कि जल्दबाजी नहीं हैं,हां लेकिन पिछली सरकार में सीओए में कथित तौर पर महासचिव के पद को लेकर जिस तरह नूरा कुश्ती हो रहा था अच्छा संदेश नहीं गया। वर्तमान सरकार से जुड़े नेताओं ने चुनाव से पहले खेल अलंकरण समेत सभी प्रोत्साहन योजनाओं को शुरू करने की बात भी कही थी। अब छत्तीसगढि?ा ओलंपिक का क्या होगा यह भी बड़ा सवाल है,25 करोड़ का बजट कोई छोटा मोटा नहीं है। संभवत: बंद भी कर सकते हैं।