नई दिल्ली.
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन इस आधार पर गरीब बच्चों को उनके आरक्षित वर्ग में दाखिला देने से मना नहीं कर सकता है कि आय प्रमाण पत्र दिल्ली से बाहर के राज्य की ओर से जारी किया गया है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने ये आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में दाखिले के लिए आय प्रमाण पत्र समक्ष प्राधिकार की ओर से दाखिल किया जाना चाहिए न कि उस राज्य सरकार की ओर से जारी किया गया जाए जहां स्कूल हो. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी जरूरी दस्तावेजों को सावधानी से वेरिफाई करने और संबंधित राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, प्रमाण पत्र राज्य में कम से कम तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्वारा जारी किया जाना चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब ये नहीं है ईडब्ल्यूएस वर्ग के तहत देश में कहीं भी केंद्रीय विद्यालय स्कूल में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को उस राज्य से जारी प्रमाण पत्र पेश करने की जरूरत नहीं है जहां स्कूल स्थित है. याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है. दिल्ली आने पर याचिकाकर्ता ने अपने बेटे के लिए ईडब्ल्यूएस वर्ग के तहत पहली कक्षा में दाखिला देने की मांग की थी. ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र आजमगढ़ के एक तहसीलदार की ओर से जारी किया गया था. इस मामले में कोर्ट में ज्यादा वक्त तक केस चला. इसलिए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के बेटे को तीसरी कक्षा में दाखिला देने का आदेश दिया.