कर्नाटक
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री शिवानंद पाटिल ने किसानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसान यह चाहते हैं कि सूखा पड़े ताकि सरकार उनका कृषि कर्ज माफ कर दे। राज्य की बीजेपी यूनिट ने इस बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई और इसे असंवेदनशील टिप्पणी करार दिया। चिक्कोडी में कार्यक्रम में बोलते हुए पाटिल ने कहा, 'कृष्णा नदी का पानी फ्री है। उत्तरी कर्नाटक के कई हिस्से सूखे की चपेट में हैं, इसलिए मुख्यमंत्री मुफ्त में बीज और खाद दे रहे हैं। अब किसान चाह रहे हैं कि राज्य में बार-बार सूखा पड़े और उनका कर्ज माफ हो जाए, जो कि सही तरीका नहीं है।'
शिवानंद पाटिल ने कहा कि जलवायु परिस्थितियों के चलते राज्य में हर 3-4 साल में एक बार सूखे की मार पड़ने की संभावना है। मंत्री ने कहा, 'राज्य में हर तीन या चार साल में सूखे जैसे हालात बनेंगे। इस दौरान सरकार किसानों की मदद के लिए हमेशा मौजूद रहेगी।' उन्होंने कहा कि पहले के दूसरे मुख्यमंत्रियों ने संकट के दौरान सहायता मुहैया कराई। चाहे येदियुरप्पा हों, एचडी कुमारस्वामी हों या सिद्धारमैया… हर किसी ने संकट की स्थिति में किसानों की मदद करना चाहा। मगर, यह समझने की जरूरत है कि सरकारों के लिए किसानों को मदद देना हमेशा संभव नहीं है।
भाजपा ने शिवानंद पाटिल से मांफी मांगने को कहा
कर्नाटक भाजपा ने पाटिल से अपना बयान वापस लेने की मांग की है। राज्य में विपक्षी दल की से कहा गया कि मंत्री को किसानों से माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा, 'ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने अन्नदाताओं को अपमानित करने, किसानों का जीवन खराब करने और उन्हें गाली देने को अपनी संस्कृति बना ली है। ऐसा लग रहा है जैसे कि कांग्रेस मंत्री पाटिल को किसानों का अपमान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।' येदियुरप्पा ने राज्य की कांग्रेस सरकार को असंवेदनशील करार दिया। उन्होंने कहा कि यह ऐसी सरकार जो मोटी चमड़ी वाले मंत्रियों का पोषण करती है। मैं पाटिल से तुरंत माफी मांगने की मांग करता हूं।