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युद्ध के बीच यूक्रेन पहली बार 25 दिसंबर को मना रहा क्रिसमस, भड़क गया रूस

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कीव
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को अगले साल फरवरी में तीन साल पूरे हो जाएंगे। यूक्रेन अपनी आजादी की जंग लड़ रहा है। इस बीच यूक्रेन ने पहली बार 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया। यह पहली बार इसलिए है क्योंकि पहले वो रूस की तरह 7 जनवरी को ही क्रिसमस का जश्न मनाता था। दरअसल, रूसी कलेंडर के हिसाब से क्रिसमस का त्योहार जनवरी में मनाया जाता है। लेकिन, रूस के साथ चल रही आत्मसम्मान की जंग में यू्क्रेन ने यह क्रांतिकारी कदम उठाया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार शाम को क्रिसमस ईव पर अपना संदेश जारी किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूक्रेन एक स्वतंत्र देश के रूप में अन्य देशों की तरह 25 दिसंबर की तारीख को ही क्रिसमस मनाएगा। समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से जेलेंस्की ने कहा, "सभी यूक्रेनवासी एक साथ हैं। हम सभी एक साथ क्रिसमस मनाते हैं। एक ही तारीख पर, एक बड़े परिवार के रूप में, एक राष्ट्र के रूप में, एक स्वतंत्र देश के रूप में।"

यूक्रेन ने बदला 100 साल पुराना रिवाज
यूक्रेन ने दुनिया के अधिकांश ईसाइयों की तरह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार क्रिसमस मनाना शुरू कर दिया है। उत्सव की यह नई तारीख को रूसी अपने ऑर्थोडॉक्स चर्च के अपमान के तौर पर ले रहे हैं। दरअसल, 100 साल पुराने रिवाज के तहत यूक्रेन का रूसी कलेंडर पर गहरा धार्मिक प्रभाव था, जहां ईसाई धर्म बहुसंख्यक धर्म है। रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च धार्मिक उत्सव के दिनों के लिए पुराने 'जूलियन' कैलेंडर का उपयोग करता है। एक युवा यूक्रेनी व्यक्ति डेनिस ने कहा, "हम यूक्रेन में जो कुछ भी हो रहा है उसका समर्थन करना चाहते थे। क्योंकि परिवर्तन हमेशा कठिन होते हैं, और जब ये परिवर्तन होते हैं, तो कुछ नया होने के लिए इसका समर्थन करने के लिए अधिक लोगों की आवश्यकता होती है।"  हालांकि, यूक्रेन में कुछ लोग अभी भी रूसी रूढ़िवादी चर्च का पालन करते हैं और उसके निर्देशों के अनुसार ही क्रिसमस मनाते हैं।

रूसी प्रभाव को खत्म करने की तरफ कदम
रूसी सेनाओं के खिलाफ चल रहे युद्ध के बीच, यूक्रेन उन चीजों को मिटाने के लिए कदम उठा रहा है जो उसे उसके पड़ोसी देश से जोड़ती हैं। चूंकि यूक्रेन पूर्व में सोवियत संघ का पूर्व हिस्सा रहा है, इसलिए कई सड़कों, स्मारकों आदि का संबंध रूस से है। हाल के दिनों में यूक्रेन ने ऐसी सड़कों के नाम बदल दिए हैं और ऐसे स्मारकों को हटा दिया है, जिनका रूस से संबंध था।