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दिल्ली के अस्पताल में कई महिला वर्करों के यौन शोषण के आरोप से हड़कंप, केजरीवाल सरकार ने बैठाई जांच

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नई दिल्ली
दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल में महिला आउटसोर्स कर्मचारियों के यौन शोषण के आरोपों से हड़कंप मच गया है। अब इस मामले में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने जांच कमेटी बनाई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी बुराड़ी अस्पताल में आउटसोर्स  महिला कर्मचारियों के यौन शोषण के मामले की जांच करेगी।

स्वास्थ्य सचिव को लिखे खत में केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'सोशल मीडिया के जरिए यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना मेरे संज्ञान में आई है। जिसमें दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल में महिलाओं और आउटसोर्स वर्करों के यौन शोषण की बात कही गई है। इस मामले में 19 दिसंबर को थाने में केस दर्ज किया गया है। हालांकि, ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस आरोपियों के साथ सॉफ्ट रवैया अपना रही है जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। इस तरह की घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आपको यह निर्देश दिया जाता है कि दोषियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लें।'

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया है, ' आउटसोर्स फर्म आरोपी सुपरवाइजरों/मैनेजरों की सेवा खत्म कर दी गई है। हालांकि, दोषी पाए जाने पर फर्म के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।' मंत्री ने आगे निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई जाए। इसके साथ ही केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यह भी निर्देश दिया है कि मामले की शुरुआती जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर सौंपी जाए इसके अलावा जांच की फाइनल रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर सौंपी जाए। मंत्री ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

गंदी डिमांड नहीं पूरी करने पर दी धमकी – पीड़ित

इधर इस मामले में दिल्ली महिला आयोग भी सक्रिय है। दिल्ली महिला आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भेजा है। दिल्ली महिला आयोग ने बताया है कि बुराड़ी सरकारी अस्पताल की एक महिला कर्मचारी ने बताया कि 17 दिसंबर को मैनेजर और सुपरवाइजर ने उन्हें और कुछ अन्य महिला वर्करों को बुलाया और उनसे छेड़खानी की। आयोग की तरफ से नोटिस में यह भी कहा गया है कि 19 दिसंबर को मैनेजर और सुपरवाइजर ने उन्हें गालियां दीं और धमकी दी कि वो उनकी गंदी मांगों को पूरी नहीं करती हैं तो उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा। इसके बाद आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी पूछा है कि इस मामले में क्या ऐक्शन लिया गया है।