नई दिल्ली
विधानसभा चुनावों में निराशाजनक परिणाम के नतीजों से उबरने की कसरत में जुटी कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को गति देने के लिए पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति की 21 दिसंबर को बैठक बुलाई है। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए की बैठक के दो दिन बाद ही कार्यसमिति की बैठक बुलाने के फैसले से साफ है कि कांग्रेस नेतृत्व 2024 अगले लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे से लेकर तमाम मुद्दों पर पार्टी में व्यापक सहमति का आधार तैयार करना चाहता है।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में पार्टी की राजनीति उम्मीदों को परवान चढ़ाने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण की शुरूआत को लेकर भी इस बैठक में फैसला किया जा सकता है। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के आने के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की यह पहली बैठक होगी और स्वाभाविक रूप से पार्टी के प्रदर्शन की भी इसमें समीक्षा होगी।
21 दिसंबर को होगी CWC बैठक
पार्टी सूत्रों ने 21 दिसंबर को कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि तेलंगाना में जीत ही नहीं हिन्दी पटटी के तीन राज्यों में हार को लेकर इसमें चर्च जरूर होगी। लेकिन अभी मुख्य मुद्दा 2024 के चुनाव में भाजपा को चुनौती देना है और इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़े मुद्दों पर होगा। चूंकि यह बैठक आइएनडीआइए के शीर्षस्थ नेताओं की बैठक के दो दिन बाद ही हो रही है ऐसे में स्वाभाविक रूप से सीट बंटवारे के मसले पर विशेष चर्चा होगी।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
विपक्षी दलों के बीच सीट बंटवारे की कसरत में कांग्रेस को उत्तरप्रदेश व बिहार जैसे बड़े राज्यों समेत कुछ अन्य सूबों में अपेक्षा से काफी कम सीटों पर समझौता करना पड़ सकता है और इस पर कार्यसमिति को विश्वास में लेना नेतृत्व के लिए अहम है। इसके साथ ही कांग्रेस और विपक्ष की साझा चुनावी रणनीति और प्रचार अभियान से जुड़े मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सीट साझा करना और प्रचार करना एजेंडे में सबसे ऊपर रहने की संभावना है।
भारत जोड़ो यात्रा ने निभाई अहम भूमिका
खरगे के अध्यक्ष बनने के करीब सवा साल बाद भी पार्टी के शीर्ष संगठनात्मक ढांचे को पुनर्गठित नहीं किया गया है और इस लिहाज से कार्यसमिति की बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग कुछ समितियों के गठन पर भी मंत्रणा होगी। साथ ही चुनावी मुद्दों की प्राथमिकताएं तय करने से लेकर कांग्रेस और विपक्ष का सकारात्मक वैकल्पिक नैरेटिव देने पर भी चर्चा की संभावनाएं हैं। कांग्रेस का मानना है कि भले ही हाल में तीन हिन्दी पटटी राज्यों में पार्टी को चुनावी शिकस्त का सामना करना पड़ा है मगर राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की हुई पांच महीने की पैदल भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस की राजनीति को ट्रैक पर वापस लाने में अहम भूमिका निभाई है।
दूसरे चरण की भारत जोड़ो यात्रा को मिल सकती है मंजूरी
ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले सुदूर पूर्व अरूणाचल प्रदेश से पश्चिम में गुजरात के कच्छ तक भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने पर कांग्रेस में लंबे समय से मंथन चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को चुनावी एजेंडा बनाने के लक्ष्य के साथ राहुल गांधी के दूसरे चरण की भारत जोड़ो यात्रा को कार्यसमिति की मंजूरी दी जा सकती है। लोकसभा चुनाव में चूंकि अब ज्यादा समय नहीं है इसलिए राहुल की यात्रा का दूसरा चरण हाईब्रिड हो सकता है जिसमें वे कहीं पैदल तो कहीं वाहनों के जरिए यात्रा कर सकते हैं।सूत्रों ने कहा कि बैठक में उस यात्रा की संभावना पर भी चर्चा होने की संभावना है जिसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2024 के चुनावों से पहले बेरोजगारी और महंगाई को मुख्य मुद्दा बनाकर निकाल सकते हैं।उन्होंने कहा कि पार्टी पैदल यात्रा सहित हाइब्रिड मोड में पूर्व से पश्चिम यात्रा पर विचार कर रही है और जल्द ही अंतिम निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।