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कांग्रेसी दिग्गज भी मानने लगे हवा BJP की, चिंदबरम बोले- 2024 में खतरा

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नई दिल्ली

तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जोरदार जीत ने कांग्रेस को चौंका दिया है। अब तक पीएम नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के नेता और सर्वे ही यह कह रहे थे कि 2024 में भगवा लहर की संभावना है, लेकिन अब कांग्रेसी भी ऐसा ही मानते दिख रहे हैं। दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने माना है कि 2024 में हवा भाजपा की ओर दिख रही है। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के नतीजे हमारे लिए चिंताजनक हैं और हैरान कर देने वाले हैं। यही नहीं उन्होंने भाजपा की मजबूती और उसके रणनीतिक कौशल की भी तारीफ की। चिदंबरम ने पीटीआई से कहा कि भाजपा हर चुनाव को ऐसे लड़ती है, जैसे यह उसके लिए आखिरी लड़ाई हो। इस बात को विपक्षी दलों को समझना होगा।

चिदंबरम ने कहा, 'भाजपा की तीन राज्यों में जीत ने 2024 के आम चुनाव से पहले उसे बड़ी ताकत दी है। कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ और राजस्थान की हार अप्रत्याशित थी। ये नतीजे हमारे लिए चिंताजनक हैं और मुझे लगता है कि पार्टी नेतृत्व इसे समझेगा और कमजोरी को दूर करेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को 4 बड़े राज्यों के चुनाव में करीब 40 फीसदी वोट मिले हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस का वोट उससे जुड़ा हुआ है, लेकिन भाजपा ने नए मतदाता भी अपने पाले में लाने में सफलता पाई है।

इस बीच चिदंबरम ने भरोसा जताया है कि कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में 45 फीसदी वोट हासिल कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस को मजबूती से कैंपेन करना होगा। बूथ मैनेजमेंट बेहतर करना होगा और मतदाताओं को पोलिंग स्टेशनों तक लाना होगा। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा कि ऐंटी-मुस्लिम, ऐंटी क्रिश्चियन प्रोपेगेंडा और हाइपर नेशनलिज्म के चलते भाजपा माहौल बना लेती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इन तीन चीजों का घालमेल कर लिया है। इसके अलावा वेलफेयर स्कीमें भी उसे फायदा दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे सबसे ज्यादा चिंता पोलराइजेशन को लेकर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इसका जवाब तलाशना होगा। यही नहीं 2024 से पहले जाति जनगणना के मुद्दे को लेकर पी. चिदंबरम ने कहा कि यह भले ही अहम मसला है, लेकिन चुनाव में निर्णायक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से बेरोजगारी और महंगाई अहम मुद्दे होंगे। उन्होंने कहा कि हर सर्वे में यही बात सामने आई है कि ये दो मुद्दे लोगों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने यह भी माना कि चुनाव से पहले यदि भाजपा सरकार एनआरसी और सीएए पर जोर देती है तो उसका भी असर दिखेगा।