कोलकाता
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक ललित झा दिल्ली आने से पहले कोलकाता में गरीबी और तंगहाली का जीवन गुजार रहा था। उसके छोटे भाई सोनू ने बातचीत में कहा कि 11 दिसंबर को आखिरी बार उसने फोन करके बताया था कि वह दिल्ली जा रहा है। सोनू ने कहा, "10 दिसंबर को मैं बिहार के दरभंगा में अपने पैतृक गांव जा रहा था। हम सियालदह स्टेशन पर गंगा सागर एक्सप्रेस में चढ़े थे। वह आखिरी पल था, जब हमने ललित को देखा था क्योंकि वह हमें ट्रेन पर चढ़ाने सियालदह स्टेशन आया था। इसके अगले दिन 11 दिसंबर को उसने फोन करके कहा था कि वह दिल्ली जा रहा है। मैंने उससे कहा कि वह अपना ख्याल रखे।"
संसद में घुसपैठ की घटना के पीछे मास्टरमाइंड कहे जाने वाले 28 वर्षीय ललित को गुरुवार को आत्मसमर्पण करने के बाद दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। सोनू ने बताया कि वह कोलकाता के उत्तरी इलाके के बागुइहाटी इलाके में अपने माता-पिता के साथ रहता है, जबकि उसका सबसे बड़ा भाई शंभु झा अपनी पत्नी और बच्चे के साथ पास में ही रहता है। सोनू ने बताया कि ललित 21 साल पहले यानी 2002 के आसपास कोलकाता आया था। तब से वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा करता था। कुछ वर्षों तक वह बड़ाबाजार इलाके में रहता था लेकिन जब वह घर जर्जर हो गया तो ललित फिर दूसरी जगह रहने लगा। 22 वर्षीय सोनू ने कहा, "मुझे यकीन नहीं है लेकिन वह शायद पेइंग गेस्ट के रूप में कहीं रह रहा था।”
उनके पिता देवानंद झा अपने शुरुआती दिनों में एक पुजारी हुआ करते थे जब वे मध्य कोलकाता के मुक्ताराम बाबू स्ट्रीट में रहते थे। तीन भाइयों में दूसरे नंबर का ललित बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है, जबकि बड़ा भाई शंभु सेल्समैन है और सोनू इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। सोनू ने कहा, “मैं बहुत बाद में, लगभग 3-4 साल पहले कोलकाता आया। ललित काफी समय पहले कोलकाता आ गया था और पिताजी के साथ ही रहता था। लेकिन अब जानकारी नहीं है कि वह कहां रहता है क्योंकि मैं कभी उसके घर नहीं गया,वही हमारे घर आता-जाता था।" घटना की जानकारी परिवार को गुरुवार को टेलीविजन से मिली। तब से सोनू ने कई बार अपने भाई से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसका फोन बंद मिला। सोनू के मुताबिक, परिवार के सभी सदस्य काफी परेशान हैं। उसने कहा, "हमें नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया?"