नई दिल्ली
शिवसेना-यूबीटी नेता सुधाकर बडगुजर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दाऊद गिरोह के शार्प शूटर सलीम कुट्टा के साथ उनके संबंधों की SIT से जांच की घोषणा की है। मालूम हो कि बडगुजर सेना-यूबीटी गुट के नासिक शहर के प्रमुख हैं। उन्होंने कथित तौर पर अपने पैरोल के आखिरी दिन कुट्टा के लिए पार्टी रखी थी। भाजपा नेता नितेश राणे और आशीष शेलार की ओर से शुक्रवार को राज्य विधानसभा में यह मामला उठाया गया। इसके जवाब में फडणवीस ने कहा कि वे इसे लेकर एसआईटी जांच का ऐलान करते हैं।
डिप्टी सीएम ने महादेव ऐप प्रवर्तकों के अन्य कंपनियों के साथ लेनदेन की भी SIT से जांच कराने का फैसला लिया। उन्होंने गुरुवार को विधानसभा को सूचित किया कि राज्य में कुछ वित्तीय व रियल एस्टेट कंपनियों और विवादास्पद महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों के बीच अवैध लेनदेन की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। फडणवीस राज्य के गृह मंत्री भी हैं। वह भाजपा के विधायक आशीष शेलार के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। भाजपा विधायक ने पहले कहा था कि महादेव ऐप जैसे कई सट्टेबाजी ऐप देश भर में फैल गए हैं और इन मंचों पर आम लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है।
शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर 20 दिसंबर तक फैसला
वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बताया कि शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मुद्दे पर 20 दिसंबर तक फैसला की घोषणा करने का प्रयास किया जा रहा है। नार्वेकर ने सदन में कहा, 'हम सभी जानते हैं कि विधानमंडल का सत्र चल रहा है और सुनवाई अब लगभग पूरी हो चुकी है। मामले का जल्द ही पटाक्षेप कर दिया जाएगा।' नार्वेकर पिछले साल पार्टी में विभाजन के बाद एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली प्रतद्विंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा दायर क्रॉस-याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) शिंदे के नेतृत्व वाले 40 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग कर रही है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया था, जिसके कारण न केवल जून 2022 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई, बल्कि 57 विधायकों में विभाजन भी हुआ।