नई दिल्ली.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मंगलवार को उनकी अपनी अलग पत्नी से तलाक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि उमर अब्दुल्ला अपनी पत्नी पायल द्वारा शारीरिक या मानसिक क्रूरता के किसी भी कृत्य को साबित करने में विफल रहे.
उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की शादी सन 1994 में हुई थी. उमर के मुताबिक, वे साल 2009 से अलग रह रहे हैं. इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने तलाक की याचिका दी थी, जिसे फैमिली कोर्ट ने अगस्त 2016 में खारिज कर दिया था. फैमिली कोर्ट के उसे फैसले को उमर अब्दुल्ला ने सितंबर 2016 में दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट बेंच ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि निचली अदालत के आदेश में कोई खामी नहीं है, जिसने उमर को राहत देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने पहले उमर को पायल अब्दुल्ला को हर महीने डेढ़ लाख रुपये का ‘अंतरिम गुजारा भत्ता’ देने का निर्देश दिया था.
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की सिंगल जज बेंच ने अगस्त में कहा था कि उमर ‘अपने बच्चों को नहीं छोड़ सकते और उन्हें एक पिता के रूप में अपने कर्तव्यों का त्याग नहीं करना चाहिए’.