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मध्यप्रदेश में होगा गुजरात वाला प्रयोग ? डिप्टी सीएम बनना तो तय है, जानिए पार्टी का फॉर्मूला

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भोपाल

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए पांच दिन हो चुके हैं। राज्य में बीजेपी को 163 सीटों पर भारी बहुमत मिल गया है। मध्यप्रदेश का सीएम कौन होगा, इसके लिए दो दिन और इंतजार करना होगा। 11 दिसंबर को केंद्रीय पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित विधायकों से चर्चा के बाद सीएम के नाम का ऐलान करेंगे। पीएम मोदी और अमित शाह पर्यवेक्षकों को अपनी पसंद बता चुके हैं। उन्हें चार फार्मूले के साथ भोपाल भेजा गया है। कयास लगाया जा रहा है कि सीएम का नाम चौंकाने वाला हो सकता है, मगर रेस में शिवराज सिंह चौहान समेत 6 दिग्गजों के नाम पर चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान ने कई विकल्पों पर विचार किया है। उन सभी विकल्पों में डिप्टी सीएम बनाने की तैयारी चल रही है। ये डिप्टी सीएम जाति के हिसाब से तय किए जाएंगे। राज्य की राजनीति को बैलेंस करने के लिए दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा सांसद पद से इस्तीफा दे चुके दिग्गज नेता को विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

सवर्ण, ओबीसी और दलित का कॉम्बिनेशन

बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने सीएम पद के लिए कई फॉर्मूले बनाए हैं। इसमें पहला विकल्प शिवराज सिंह चौहान को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का है। सीएम पद की रेस में अभी तक चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान अभी भी आगे चल रहे हैं। उनके साथ सवर्ण और दलित जाति के दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में प्रह्लाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा अध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष बनाकर नेतृत्व का जिम्मा सौंपा जा सकता है। डिप्टी सीएम के तौर पर ब्राह्मण जाति के बी डी शर्मा, राकेश सिंह, एससी विधायक निर्मला भूरिया, जगदीश देवड़ा, तुलसीराम राम सिलावट और ओमप्रकाश धुर्वे के नाम पर चर्चा हो रही हैं।

जानिए गुजरात में बीजेपी ने क्या प्रयोग किया था

संभव है कि बीजेपी गुजरात का प्रयोग मध्यप्रदेश में दोहराए। ऐसी स्थिति में वह सारे नेता सीएम और मंत्री पद की रेस से बाहर हो जाएंगे, जो पिछली सरकार में बड़े ओहदे पर थे। ऐसी स्थिति में प्रदेश में मुख्यमंत्री से मंत्री तक सभी नए चेहरों को मंत्रिमंडल में मौका मिल सकता है। गुजरात में रूपाणी सरकार की विदाई के बाद भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बनाए गए तो मंत्रिमंडल में नए विधायकों को मौका दिया गया। इस स्थिति में प्रह्लाद सिंह पटेल की लॉटरी लग सकती है। इस फॉर्मूले में भी दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। एक डिप्टी सीएम सवर्ण और दूसरा दलित भी हो सकता है। प्रह्लाद पटेल सीएम की रेस में शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर पर काबिज हैं। अगर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली तो एक ओबीसी और एक दलित डिप्टी सीएम बनना तय माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष रह चुके

राजस्थान से जुड़ी है ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी

मुख्यमंत्री पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिंया के नाम पर चर्चा हो रही है। मगर उनका भविष्य राजस्थान में वसुंधरा राजे की राजनीति से जुड़ा है। अगर राजस्थान में वसुंधरा राजे सीएम नहीं बनती हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। दो अलग-अलग राज्यों में एक परिवार के दो सीएम नहीं सकते हैं। रविवार को राजस्थान में राजनाथ सिंह विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे। देर शाम तक राजस्थान के नए सीएम के नाम की घोषणा हो सकती है। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री की रेस में बने रहेंगे या नहीं। बीजेपी के फॉर्मूले के अनुसार, अगर सिंधिया सीएम बनते हैं तो भी मध्यप्रदेश को डिप्टी सीएम मिलना तय है।