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इजराइली सेना दक्षिणी गाजा के खान यूनिस पहुंची, जमीनी व हवाई हमले तेज

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इजराइली सेना दक्षिणी गाजा के खान यूनिस पहुंची, जमीनी व हवाई हमले तेज

गाजा
 इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम के बाद इजराइली सेना ने हमले तेज कर दिए हैं। इजराइली सेना जमीनी व हवाई हमले करते हुए दक्षिणी गाजा के प्रमुख शहर खान यूनिस के केंद्र में पहुंच गई।

जहां हमास लड़ाकों ने उनका कड़ा प्रतिकार किया। सेना वहां से नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने का दबाव डाल रही है। जबकि वे कह रहे हैं ऐसे स्थान अब कहां बचे हैं। लोग भूखे-प्यासे दरबदर हो रहे हैं।

इजराइली लड़ाकू विमान हमास आतंकियों के ठिकानों के आशंका वाले सघन आबादी क्षेत्रों पर भी लगातार बमबारी कर रहे हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल घायलों और मृत लोगों से भर गए हैं।

जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि गाजा में स्थिति विनाशकारी है, जहां किसी के न बचने जैसी स्थिति है। दोनों ओर से मानवाधिकार का घोर उल्लंघन हो रहा है।

फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि हजारों लोग जो पहले से विस्थापित हैं उन्हें फिर से नया ठिकाना तलाशने को मजबूर किया जा रहा है। लेकिन उत्तरी गाजा से विस्थापित होकर दक्षिणी गाजा पहुंचे नागरिक अब असहाय हैं। वे अपने मामूली सामान के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं। उत्तरी गाजा के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा करने के बाद इजराइल सेना टैंकों व लड़ाकू विमानों से गोले बरसाते हुए दक्षिण गाजा क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रही है।

इजराइल ने कहा कि उसकी सेना ने हमास के सैकड़ों ठिकानों पर हमला किया है। जिसमें उत्तर में एक स्कूल के पास एक उग्रवादी सेल भी शामिल है। हमास के सशस्त्र विंग अल कसम ब्रिगेड ने कहा कि इस दौरान भयंकर लड़ाई हुई।

निवासियों ने कहा कि इजरायल ने रातभर बमबारी की, जिसमें कई नागरिकों की मौत हुई है और लोग घायल हुए हैं।

हमास मीडिया व स्थानीय लोगों ने बताया कि उत्तरी गाजा में टैंकों, नौसैनिक नौकाओं व लड़ाकू विमानों ने जबालिया क्षेत्र के शरणार्थी कैंपों के साथ सड़कों, घरों पर बमबारी की। वहीं, वेस्ट बैंक में संघर्ष में दो फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इजरायली सेना ने कहा कि यमन की ओर से लाल सागर के ऊपर से मिसाइल दागी गई है।

इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) ने आतंकी सुरंगों में मिली पहले कभी न देखी गई तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें सुरंगों में छिपते हुए लड़ाई के दौरान मारे गए उत्तरी गाजा ब्रिगेड के पांच सबसे वरिष्ठ लोगों में से एक हमास का कमाडंर अहमद अंदोर शामिल है।

इजराइली रक्षा बलों ने बुधवार को एक अनजाने हमले पर खेद व्यक्त किया जिसमें एक लेबनानी सैनिक की मौत हो गई। जबकि उसने हिजबुल्ला से जुड़ी पोस्ट को निशाना बनाया और कहा कि घटना की समीक्षा की जा रही है। यहां लेबनान सीमा पर लगातार गोलाबारी हो रही है।

 

भारतीय मूल के मीडिया दिग्गज डॉ. समीर शाह बीबीसी के नए अध्यक्ष पद के पसंदीदा उम्मीदवार बने

लंदन
टीवी प्रोडक्शन और पत्रकारिता में 40 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले, भारतीय मूल के मीडिया दिग्गज डॉ. समीर शाह ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन (बीबीसी) के नए अध्यक्ष पद के लिए ब्रिटेन सरकार के सबसे पसंदीदा उम्मीदवार हैं।

71 वर्षीय शाह रिचर्ड शार्प की जगह लेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ बातचीत लीक होने और मामले में जांच बैठाये जाने के बाद रिचर्ड को इस्तीफा देना पड़ा था।

औपचारिक रूप से शाह की नियुक्ति से पहले 'हाउस ऑफ कॉमन' मीडिया कचलर, 'मीडिया और स्पोर्ट्स सिलेक्ट कमेटी' के 'क्रॉस-पार्टी' (सर्वदलीय संसदीय समूह, जो आधिकारिक रूप से संसद का हिस्सा नहीं है) के सांसद उनसे बातचीत करेंगे और आवश्यक सवाल पूछेंगे।

ब्रिटेन की संस्कृति मंत्री लूसी फ्रेजर ने नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयन की पुष्टि करते हुए बुधवार को कहा, ''टीवी प्रोडक्शन और पत्रकारिता में 40 साल से अधिक का अनुभव रखने वाले डॉ. शाह बीबीसी अध्यक्ष के पद के लिए पर्याप्त योग्यता रखते हैं।''

उन्होंने कहा, ''तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में बीबीसी को सफल बनाने के लिए उनकी (शाह) महत्वाकांक्षा बिल्कुल स्पष्ट है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह बीबीसी को भविष्य की चुनौतियों से उबारने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे।''

शाह ने कहा, ''इसमें कोई दो राय नहीं कि बीबीसी वैश्विक संस्कृति में हमारे सबसे अहम योगदानों में से एक है।''

उन्होंने कहा, ''मै अगर अपने कौशल, अनुभव और सार्वजनिक सेवा प्रसारण की समझ के दम पर इस संगठन को आने वाली विविध चुनौतियों के लिए तैयार कर पाया तो यह मेरे लिए सम्मान की बात होगी।''

औरंगाबाद में जन्मे शाह 1960 में इंग्लैंड आए और इससे पहले बीबीसी में सामयिकी और राजनीतिक कार्यक्रमों के प्रमुख के रूप में काम किया।

बीबीसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ''हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं कि समीर शाह को बीबीसी अध्यक्ष की भूमिका निभाने के लिए सरकार के पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में चुना गया है और औपचारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद बोर्ड में उनके शामिल होने की उम्मीद है।''

शाह के चयन को बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि अब बीबीसी में शीर्ष पर एक पत्रकार होगा। बीबीसी स्वतंत्र संस्था है, लेकिन इसके अध्यक्ष की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है।

उनकी नियुक्ति ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब बीबीसी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। बीबीसी का लक्ष्य बढ़ती महंगाई और टीवी लाइसेंस की लागत पर दो साल की रोक के बीच, 50.0 करोड पाउंड की बचत करना है।

शाह को लाइसेंस शुल्क को लेकर सरकार के साथ बातचीत करने का भी काम सौंपा जाएगा।

ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने दिया इस्तीफा

लंदन
 ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने अवैध प्रवासियों को देश से वापस भेजने की सरकार की रवांडा नीति पर ''गहरी असहमति'' व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है।

जेनरिक को हाल तक सुनक के सहयोगी के तौर पर देखा जाता था। जेनरिक ने बुधवार को कहा कि उन्होंने महसूस किया कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली द्वारा संसदीय बयान में प्रस्तुत आपातकालीन विधेयक ''कानूनी चुनौतियों'' को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

सुनक ने उनके इस्तीफे पर कहा कि वह ''निराश'' हैं लेकिन पद छोड़ने का उनका तर्क ''स्थिति की बुनियादी गलतफहमी पर आधारित'' है।

जेनरिक ने निचले सदन 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में प्रश्नकाल के बाद सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ''बेहद दुख के साथ मैंने आव्रजन मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को दे दिया है।''

उन्होंने कहा, ''सरकार की नीति को लेकर जब मेरी इतनी गहरी असहमति है तो मैं अपने पद पर नहीं बने रह सकता।''

जेनरिक ने कहा कि इंग्लिश चैनल को पार करने वाली छोटी नौकाएं देश को ''अनजाने में नुकसान'' पहुंचा रही हैं और सरकार को ''राष्ट्रीय हितों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अत्यधिक विवादित बयानों से ऊपर रखने'' की जरूरत है।

उन्होंने  सुनक को लिखे अपने इस्तीफे में लिखा, ''मैंने लगातार एक स्पष्ट कानून की वकालत की है जो घरेलू और विदेशी अदालतों के लिए नीति की प्रभावशीलता को अवरुद्ध करने या कम करने के अवसरों को गंभीर रूप से सीमित करता है।''

अपने जवाब में प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि कि नया विधेयक ''ब्रिटेन सरकार द्वारा अब तक पेश किया गया सबसे कठिन अवैध प्रवासन कानून'' होगा।

उन्होंने कहा, ''रवांडा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे कानून पर आधारित ब्रिटेन की इस योजना को स्वीकार नहीं करेगी जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून दायित्वों का उल्लंघन माना जा सकता है।''

यह कदम सुनक के लिए निराशाजनक है और ऐसे समय में अहम हो जाता है जब वह 2024 के लिए आम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

रवांडा सुरक्षा विधेयक औपचारिक रूप से बृहस्पतिवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया जाएगा।

ब्रिटेन सरकार ने  रवांडा के साथ एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया जाएगा। समझौता यह सुनिश्चित करता है कि रवांडा भेजे गए लोगों को ऐसे देश में स्थानांतरित करने का खतरा नहीं होगा जहां उनके जीवन या स्वतंत्रता को खतरा हो।