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हुंडई मोटर इंडिया एक जनवरी से बढ़ाएगी अपने वाहनों की कीमत

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हुंडई मोटर इंडिया एक जनवरी से बढ़ाएगी अपने वाहनों की कीमत

नई दिल्ली
वाहन निर्माता कंपनी हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने एक जनवरी 2024 से वाहनों की कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि कीमत में कितनी बढ़ोतरी होगी।

हुंडई मोटर इंडिया ने एक बयान में कहा कि कीमतों में वृद्धि कच्चे दाम की बढ़ती लागत, प्रतिकूल विनिमय दर और अन्य कारणों के अलावा जिंस की कीमतों में वृद्धि है। एचएमआईएल के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी हमेशा लागत वृद्धि को यथासंभव हद तक वहन करने की कोशिश करती है।

 कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि ग्राहकों पर बोझ न पड़े। हुंडई ग्रैंड आई10 निओस से लेकर इलेक्ट्रिक एसयूवी आईओएनक्यू5 तक वाहनों की एक शृंखला बेचती है। इनकी कीमत 5.84 लाख से 45.95 लाख रुपये के बीच है।

अक्टूबर-नवंबर में कार्यालयों में काम करने वालों की भर्ती में 12 प्रतिशत की गिरावट: रिपोर्ट

मुंबई
आईटी-सॉफ्टवेयर, दूरसंचार व शिक्षा क्षेत्रों में भर्ती के नकारात्मक रुझान से अक्टूबर-नवंबर में कार्यालयों में काम करने वाले लोगों की भर्तियों में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की गिरावट आई है।  एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई।

नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स के अनुसार, अक्टूबर-नवंबर में कार्यालयों में काम करने वालों की भर्ती में 12 प्रतिशत की गिरावट आई। इस दौरान 2,433 लोगों की भर्तियां की गईं, जबकि 2022 में समान अवधि में 2,781 भर्तियां हुई थीं।

नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक सूचकांक है जो भारतीय नौकरी बाजार की स्थिति और नौकरी.कॉम के बायोडाटा डेटाबेस पर नौकरी पर रखने वालों द्वारा नई नौकरी सूचीबद्ध करने और नौकरी से संबंधित खोजों के आधार पर भर्ती गतिविधि की जानकारी मुहैया कराता है।

दूरसंचार, शिक्षा, खुदरा बिक्री क्षेत्रों में 2022 के समान महीनों की तुलना में अक्टूबर-नवंबर में क्रमश 18 प्रतिशत, 17 प्रतिशत और 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। आतिथ्य, यात्रा, वाहन व वाहन सहायक जैसे क्षेत्रों में नियुक्ति की प्रवृत्ति स्थिर रही।

रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच ऊर्जा कंपनियों द्वारा तेजी से विस्तार और देश भर में नई रिफाइनरियों की स्थापना से तेल तथा गैस क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में अक्टूबर-नवंबर में भर्तियों में नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

इसी तरह दवा क्षेत्र में 2022 के समान महीनों के मुकाबले अक्टूबर-नवंबर में नई नौकरी की पेशकश में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

नौकरी डॉट कॉम के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा, ‘‘तेल और गैस, दवा और बीमा जैसे मुख्य गैर-आईटी क्षेत्रों में व्यस्त त्योहारी अवधि में स्वस्थ बढ़त देखना उत्साहजनक रहा। अक्टूबर की तुलना में नवंबर में आईटी में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हम अगले महीने के रुझानों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।''

रिपोर्ट में कहा गया कि अक्टूबर-नवंबर में आईटी क्षेत्र में कुल नियुक्तियां सालाना आधार पर 22 प्रतिशत कम आई। हालांकि, 2023 की पहली छमाही में पर्याप्त सुधार देखने के बावजूद इस क्षेत्र ने अक्टूबर की तुलना में नवंबर में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

 

भारत पर्याप्त संस्थागत परिपक्वता वाला श्रम-समृद्ध देश, आठ प्रतिशत की वृद्धि संभव : सुमन बेरी

नई दिल्ली
 नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि भारत में आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की क्षमता है, देश में पर्याप्त श्रमबल है और कामकाज के लिहाज से संस्थागत स्तर पर वह काफी परिपक्व है।

बेरी ने आगाह किया कि वास्तविकता यह है कि भारत का उत्तरी क्षेत्र पारंपरिक रूप से भारत के दक्षिण क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहा है। इससे संघीय राजव्यवस्था में तनाव उत्पन्न हो सकता है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित वैश्विक आर्थिक नीति मंच 2023 में बेरी ने कहा, ‘‘इससे आठ प्रतिशत की वृद्धि या इसके आसपास रहने का मतलब निरंतर परिवर्तन है जिसे राजनीतिक रूप से व्यवस्थित करने की आवश्यकता है।''

बेरी का मानना है कि भारत की आधुनिकीकरण यात्रा असामान्य व अनोखी है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं अगले 25 वर्षों के लिए भारत पर दांव लगाना चाहूंगा तो मैं सबसे पहले इस तथ्य पर जोर दूंगा कि हमारे पास श्रमबल की कमी नहीं है जबकि विश्व में श्रमिकों की कमी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे पास संस्थागत परिपक्वता है… ।''

बेरी ने कहा कि भारत जैसे देश में आर्थिक वृद्धि, समानता के लिए एक आवश्यक कारक है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वृद्धि अपने आप में एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि यह जीवन स्तर को ऊपर उठाने तथा भारत की रणनीतिक व संस्थागत अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करने का एक साधन है।'' बेरी ने बताया कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है लेकिन फिर भी जी20 में वह प्रति व्यक्ति सबसे कम आय वाला देश है।