भोपाल
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, सिविल सर्जनों को चीन में छोटे बच्चों में हो रही श्वशन संबंधी बीमारी को लेकर सर्तक किया है। विभाग ने बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू बीमारी के लक्षण पर नजर रखने को कहा है। केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार ने भी सभी जिलों को निगरानी बढ़ाने को कहा है। हालांकि प्रदेश में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानी और सुरक्षा के मद्देनजर अस्पतालों में तैयारी की समीक्षा और मरीजों की निगरानी के दिशा निर्देश जारी किए गए है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश की मिशन संचालक प्रियंका दास की तरफ से जारी दिशा निर्देशों में जिलों को अस्पतालों को तैयारी की समीक्षा करने को कहा है। इसमें अस्पतालों में मेन पॉवर, बिस्तर, जांच एवं परीक्षण, दवा एवं कंज्यूमेब्लस के साथ अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
निगरानी के लिए यह दिशा निर्देश
विभाग ने किसी भी प्रकार की सांस संबंधी बीमारी, इन्फ्लूएंजा के रोगियों की निगरानी भारत सरकार के स्वास्थ्य सूचना पोर्टल दर्ज कराने को कहा है। इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों के नाक और गले के स्वाब का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। यदि इन बीमारियों की पुष्टि होती है तो जांच दल संबंधित इलाके की जांच करेगा और उसकी निगरानी बढ़ाई जाएगी।
यह है चीन में फैल रहे बीमारी के लक्षण
इस बीमारी ने खांसी, गले में दर्द या खराश, बुखार, फेफड़े में सूजन और सांस नली में सूजन की दिक्कत आ रही हैं। यह बीमारी चीन में एक शहर से दूसरे शहर फैल रही है। इसको लेका डब्ल्यूएचओ ने भी चिंता जाहिर की है और चीन से रिपोर्ट मांगी है।
कोरोना महामारी के बाद चीन में फैलने वाली हर बीमारी कोरोना की याद दिलाती है। चीन में माइको प्लाज्मा निमोनिया इस समय कहर बरपा रही है। हालांकि, हमें इससे डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। रेस्पिरेटरी संबंधी इस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार के साथ ही दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में एडवाइजरी जारी हो चुकी है। हालांकि, मध्यप्रदेश में अभी कोई एडवाइजरी जारी नहीं हुई। लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहां इसका ज्यादा प्रभाव नहीं होगा।
– बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द और थकान
ऐसे होती है जांच
– संक्रमण के लक्षणों के बाद छाती के एक्स-रे से जांच, ब्लड टेस्ट से पहचान।
एक्सपर्ट कहते हैं
माइको प्लाज्मा निमोनिया से डरने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हमारे यहां के बच्चे कोरोना से लेकर कई तरह के वायरस झेल चुके हैं। इसलिए उनमें वायरस के प्रति रोग-प्रतिरोधक क्षमता है। निमोनिया के कई म्यूटेंट से भी बच्चे प्रभावित हो चुके हैं। इसलिए कोई खास असर नहीं होगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है बचाव न करें। क्योंकि वायरस कभी भी म्यूटेट हो सकता है। इसलिए 8-12 साल के बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
वसन संबंधी माइको प्लाज्मा निमोनिया बीमारी उत्तर-पूर्वी चीन में फैली है। चपेट में बच्चे हैं। बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं भी इससे बीमार हो रही हैं। चिकित्सकों के अनुसार माइको प्लाज्मा निमोनिया सामान्य संक्रमण है। यह 18 साल से छोटी आयु के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है। संक्रमित व्यक्तियों के खांसने, छींकने से फैलती है।
भोपाल और प्रदेश में एक-दो दिनों में माइको प्लाज्मा निमोनिया को लेकर एडवाइजरी जारी हो सकती है। लेकिन, किसी को डरने की जरूरत नहीं है। अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। बच्चों को पौष्टिक व उचित आहार दें। साथ ही खेलकूद के लिए प्रेरित करें। ताकि इम्युनिटी बनी रहे।