लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने 30 नवंबर को यूपी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। जिसमें सभी मंडल कोऑर्डिनेटर अपनी रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। बता दें सितंबर के महीने में बीएसपी चीफ ने इन नेताओं को टास्क दिया था। जिसमें बूथ से लेकर मंडल स्तर तक संगठन को मजबूत करने को कहा गया था। ऐसा माना जा रहा है कि गुरुवार को होने वाली इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों और उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया पर चर्चा होगी।
आगामी लोकसभा चुनाव में मायावती ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। मिजोरम को छोड़कर बसपा ने सभी राज्यों से प्रत्याशियों को टिकट दिया है। ऐसे में पांच राज्यों में हुए विधानसा चुनाव को लेकर गुरुवार को बसपा ने अहम बैठक बुलाई है। इसमें नेशनल कोऑडिनेट, प्रदेश के पदाधिकारी और जिले के अध्यक्ष शामिल होंगे। इस मीटिंग में कोऑरिडेनटर अपनी सीट का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेंगे।
लोकसभा चुनाव को लेकर मायावाती पिछले कुछ महीनों से काफी सक्रिय हैं। आए दिन वह पदाधिकारियों से फिडबैक ले रही है। मायावती ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी न ही एनडीए का हिस्सा है और न ही इंडिया का। वह अकेले ही चुनाव लड़ेंगी। मायावती की नजर इस बार आरक्षित 17 सीटों पर होगी। दरअसल 2019 के चुनाव में बसपा को 9 सीटों पर जीत मिली थी। जिसमें सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, लालगंज, घोसी, गाजीपुर और श्रावस्ती की सीट है। वहीं राज्यसभा में बसपा की केवल एक सीट है।
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं जिसमें से 17 सीटे आरक्षित हैं। वहीं प्रदेश में दलितों की संख्या 20 प्रतिशत है। पिछले कुछ चुनावों में दलित वोटरों का वोट बसपा की बजाय बीजेपी की तरफ खिसका है। ऐसे में मायावती 2019 के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करने की रणनीति बनाने में जुटी गई हैं। इसे लेकर बीएसपी चीफ लगातार मंडलवार बैठक कर रही हैं।