जयपुर.
राजस्थान में गहगहमी भरे विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को वोटिंग के बाद ही संपन्न हो गए हैं। उसके बाद तमाम पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार तेलंगाना में 30 नवंबर को शाम छह बजे वोटिंग खत्म होगी। उसके बाद एग्जिट पोल भी प्रसारित किए जा सकेंगे। इसके बाद भी सोशल मीडिया पर तमाम एग्जिट पोल आने लगे हैं। इस पर निर्वाचन आयोग सख्त है। राजस्थान के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ऐसे एग्जिट पोल दिखाने वालों को नोटिस भेजने की तैयारी की है।
राजस्थान में 1,862 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में दर्ज हो चुका है। तीन दिसंबर को मतगणना होगी। इसके नतीजे बताएंगे कि मरु भूमि का ऊंट किस करवट बैठता है। हालांकि, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस बार अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। लेकिन सियासी जानकारों की मानें तो दोनों ही पार्टियां इस बार ठीक से कोई दावा करने की स्थिति में नजर नहीं आ रही हैं। निर्वाचन विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक 30 नवंबर को शाम छह बजे से एग्जिट पोल जारी किए जा सकेंगे। इसके लिए तमाम सर्वे एजेंसियों और मीडिया संस्थान अपने-अपने स्तर पर सर्वे कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो मतदान खत्म होने के साथ ही एग्जिट पोल की बाढ़ आ चुकी है। एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप ग्रुप्स में सब जगह सियासी एक्सपर्ट तैयार बैठे हैं। हंग एसेम्बली से लेकर प्रचंड बहुमत वाली सरकारें कागजों में गठित भी कर दी गई हैं।
जिलों में मॉनिटरिंग सेल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजस्थान प्रवीण गुप्ता ने कहा, चुनावों में एग्जिट पोल के लिए 30 नवंबर से अनुमति दी गई है। सोशल मीडिया पर कई एनोनिमस एकाउंट भी चलते हैं। लेकिन जैसे-जैसे हमारे पास शिकायतें आती हैं तो हम नोटिस भी देते हैं और उन्हें सोशल मीडिया से हटवाते भी हैं। इसके लिए दिल्ली में हमारा सिस्टम काम कर रहा है। जिलों में भी हमने मॉनिटरिंग सेल लगा रखे हैं।