बालाघाट
बालाघाट में डाक मत पत्रों की समय से पहले शॉर्टिंग के मामले में एसडीएम गोपाल सोनी को निलंबित कर दिया गया है। उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह (तहसीलदार) को भी इसी मामले में निलंबित किया जा चुका है। अब एसडीएम सोनी पर निलंबन की गाज गिरी है। जबलपुर संभाग कमिश्नर के आदेश पर बालाघाट कलेक्टर डॉक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने यह कार्रवाई की है।
इससे पहले इस पूरे मामले की रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी गई थी। इसके बाद ही ये एक्शन लिया गया है। बता दें, बालाघाट के ट्रेजरी ऑफिस में बने स्ट्रॉन्ग रूम में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आते ही प्रदेश की सियासत गरमा गई थी। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस हमलावर हो रही थी। आयोग भी कांग्रेस के निशाने पर आ गया था।
कांग्रेस का आरोप
इधर, कांग्रेस अभी बालाघाट कलेक्टर मिश्रा पर कार्रवाई किए जाने पर अड़ी है। एमपी कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री सैयद जाफर का कहना है कि बालाघाट जिले में डाक मत पत्र के मामले में कलेक्टर और रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. गिरीश मिश्रा की भूमिका भी संदिग्ध है, वे भी जल्दी ही फंसने वाले हैं।
उन्होंने कई तथ्य छिपाए हैं। कांग्रेस पार्टी एमपी के जिम्मेदार अफसरों से अपील करती है कि अपने कर्तव्य का पालन करते हुए संविधान की मर्यादा का ध्यान रखें। जनता ने मैंडेट दे दिया है। उसे बदलने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आयोग ने पहले ये दी थी सफाई
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा था कि बालाघाट मामले में प्रकियात्मक त्रुटि सामने आई है। राजन ने कहा था कि मतपत्र की किसी तरह की गिनती नहीं हुई है। केवल डाक पत्र की विधानसभावार शॉर्टिंग की जा रही थी। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजदूगी में मतपत्र की शॉर्टिंग की गई थी। 3 बजे के निर्धारित समय से शॉर्टिंग होनी थी लेकिन नोडल अधिकारी ने 1:30 बजे से शॉर्टिंग शुरू कर दी। इसके साथ ही उसने शॉर्टिंग की सूचना भी ठीक तरह से नहीं दी। ऐसे में इस प्रकियात्मक त्रुटि के कारण नोडल अधिकारी को हटाया गया है। चुनाव आयोग को मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है।