भोपाल
विधानसभा चुनाव में इस बार भले ही रिकार्डतोड़ 76.22 फीसदी मतदान हुआ है। अल्पसंख्यक मोर्चा मतगणना के बाद विधानसभा वार समीक्षा करने का फैसला किया है। समीक्षा के बाद मोर्चा लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए एक नयी रणनीति बनाएगा।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एजाज खान ने बताया कि कांग्रेस ने मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए भले ही प्रदेश में दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर मुस्लिम मतदाताओं को पूरा वोट हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया हो, लेकिन विधानसभा चुनाव का परिणाम कांग्रेस के मंसूबे पर पानी फेरने वाला साबित होगा। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में मुस्लिम आबादी सात फीसदी थी। लेकिन अब बढ़कर नौ फीसदी हो गयी होगी। हालांकि कोविड के चलते वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना नहीं हो सकी। लेकिन एक दशक के बाद मुस्लिम आबादी में होने वाली बढ़ोत्तरी से इंकार नहीं किया जा सकता है।
प्रदेश की 47 ऐसी सीटे जहां मुस्लिम मतदाता अहम रोल निभाता है। वहीं 22 सीटे ऐसी है जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक की भूमिका में होता है। प्रदेश की 47 विधानसभा ऐसी सीटे है जहां मुस्लिम मतदाता 5 हजार से लेकर 15 हजार है जबकि 22 विधानसभा ऐसी सीटे है जहां 15 हजार से लेकर 25 हजार मुस्लिम मतदाता है। हालांकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मुस्लिम वर्ग से जुड़े एक भी व्यक्ति को उम्मीदवार नहीं बनाया। वहीं कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने राजधानी की दो विधानसभा सीटों मुस्लिम उम्मीदवारों को मौका दिया है।