नई दिल्ली
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान करने से सभी पाप धूल जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान के पश्चात भगवान विष्णु की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है। अतः पूर्णिमा तिथि पर श्रद्धालु गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं, तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा करें।
शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 27 नवंबर को 02 बजकर 45 मिनट तक है। साधक इस समय से पूर्व स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान कर सकते हैं। सनातन धर्म में सूर्योदय के पश्चात तिथि की गणना होती है। अतः 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है।
शिव योग
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 39 मिनट तक है। इस योग में गंगा स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग लोक समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुख और संताप दूर हो जाते हैं।
पूजा विधि
कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर ब्रह्म बेला में उठें। दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अगर सुविधा है, तो नदी या सरोवर में स्नान करें। इस समय आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें और पीले रंग का वस्त्र धारण करें। साथ ही सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। आप बहती जलधारा में तिल प्रवाहित कर सकते हैं। इसके पश्चात, पंचोपचार कर भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा में उन्हें पीले रंग का फल, फूल, वस्त्र आदि चीजें अर्पित करें। इस समय विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्र जाप करें। अंत में आरती कर सुख, समृद्धि की कामना करें। ब्राह्मणों को दान देने के बाद भोजन ग्रहण करें।