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राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा के लिए 12,000 टन सहायता भेजी गई: अल-सिसी

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राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा के लिए 12,000 टन सहायता भेजी गई: अल-सिसी

काहिरा
 मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने गुरुवार को कहा कि राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा पट्टी में लगभग 12,000 टन मानवीय सहायता पहुंचाई गई है।
राफा क्रॉसिंग मिस्र और घिरे फिलिस्तीनी क्षेत्र के बीच एकमात्र संपर्क बिंदु है। काहिरा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में फिलिस्तीन के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में अल-सिसी ने कहा, “1,300 ट्रकों द्वारा पहुंचाई गई लगभग 12,000 टन राहत सहायता राफा क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा में भेजी गयी है।”

उन्होंने कहा कि मिस्र के उत्तरी सिनाई में एल-अरिश अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राहत सामग्री से भरी 158 उड़ानें आईं। उन्होंने कहा कि मिस्र ने गाजा को दी गई कुल सहायता का 70 प्रतिशत दान किया है।

 मिस्र के राष्ट्रपति ने गाजा को भोजन, चिकित्सा सहायता और ईंधन पहुंचाने तथा युद्धग्रस्त क्षेत्र से घायलों को इलाज के लिए यहां लाने के लिए राफा सीमा को खुला रखने के मिस्र के फैसले के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मिस्र, अमेरिका और कतर के संयुक्त प्रयासों के माध्यम से हमास और इज़रायल चार दिनों के लिए मानवीय संघर्ष विराम पर पहुंचे, जिसे बढ़ाया जा सकता है। हमास और इज़रायल के साथ ही कतर और मिस्र दोनों ने गुरुवार को युद्धविराम की पुष्टि की कि शुक्रवार की सुबह युद्धग्रस्त इलाके में प्रभावी होगा।

बांग्लादेश में चुनाव आयोग ने बॉर्डर गार्ड की 233 प्लाटून तैनात की

ढाका
बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने अगले साल सात जनवरी को होने वाले आम चुनाव के दौरान होने वाली राजनीतिक हिंसा से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आयोग ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए देशभर में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की 233 प्लाटून तैनात की हैं।

जमीनी हालात को देखते हुए यह संख्या बढ़ सकती है।

बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आयोग ने यह फैसला कानून प्रवर्तन एजेंसियों और दो खुफिया इकाइयों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद लिया। यह प्लाटून  रात तक सारे देश में तैनात कर दी गईं।

इसके अलावा चुनाव आयोग की नई योजना के अनुसार, अब ढाका और चटगांव शहरों के लिए संभागीय आयुक्त और 64 उपायुक्त रिटर्निंग अधिकारी के रूप में काम करेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सहायक के रूप में काम करेंगे।

भारतीय मूल की स्वास्थ्य कार्यकर्ता बनीं सिंगापुर के श्रम समूह की अध्यक्ष

सिंगापुर
 भारतीय मूल की स्वास्थ्य कार्यकर्ता को देश के सबसे बड़े श्रम समूह ‘नेशनल ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

चैनल ‘न्यूज एशिया’ की खबर के अनुसार, नेशनल ट्रेड्स यूनियन कांग्रेस’ (एनटीयूसी) के करीब 450 प्रतिनिधियों में से 58 संबद्ध यूनियन ने बृहस्पतिवार को गुप्त मतदान प्रक्रिया के जरिए थनलेचिमी को चुना और 2027 तक चार साल के कार्यकाल के लिए एक नयी समिति का गठन किया गया।

थनलेचिमी (57) मेरी लियू का स्थान लेंगी जिन्होंने अध्यक्ष के तौर पर अपने दो कार्यकाल के बाद फिर से चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी। 62 वर्ष का होने पर एनटीयूसी के नेता को अपना पद छोड़ना होता है ताकि नए युवा उम्मीदवारों को मौका मिल सके।

थनलेचिमी ने यूनियन में कई भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने 2016 से 2018 तक संसद के नामांकित सदस्य के तौर पर सेवा दी।

एनटीयूसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि थनलेचिमी को 1998 में ‘नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल एम्प्लॉइज यूनियन’ के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और ‘हेल्थ कॉरपोरेशन ऑफ सिंगापुर स्टाफ यूनियन’ के साथ इसके विलय में उनकी मुख्य भूमिका थी।

इससे 2006 में ‘हेल्थकेयर सर्विसेज एम्प्लॉइज यूनियन’ का गठन हुआ, जिसका 2011 से अध्यक्ष के रूप में थनलेचिमी ने नेतृत्व किया।

नियुक्ति के बाद थनलेचिमी ने कहा, ‘‘इस साल की शुरुआत में हमने अपने श्रमिकों के समझौते को नवीनीकृत किया था और अध्यक्ष के रूप में यह मेरा कर्तव्य होगा कि हम नयी केंद्रीय समिति के साथ अपने श्रमिकों के हितों की रक्षा करना जारी रखें, उनके वेतन, कल्याण और कार्य संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए लक्षित पहल पर काम करें।’’

चुनाव एनटीयूसी राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में हुआ, जो बुधवार और बृहस्पतिवार को हुआ। एनटीयूसी हर चार साल में एक बार राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित करता है।