भोपाल
मध्य प्रदेश की बुंदेलखंड की 26 विधानसभा सीटों का रण इस बार कई सीनियर लीडर्स के लिए निर्णायक साबित होने जा रहा है। भाजपा सरकार में वित्त्त मंत्री रह चुके जयंत मलैया के साथ ही कांग्रेस के सीनियर लीडर मुकेश नायक के लिए इस चुनाव के परिणाम राजनीतिक भविष्य के लिए निर्णायक साबित होंगे। यही स्थिति मंत्री गोपाल भार्गव की भी रहेगी।
पिछला चुनाव हार चुके जयंत मलैया
2018 में चुनाव हारे 80 वर्षीय जयंत मलैया दमोह से एक बार फिर मैदान में हैं। यह सीट कांग्रेस के पास हैं। मलैया अपने बेटे को इस सीट से एक्टिव करना चाहते हैं। इसलिए उनके लिए भी यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण और निणार्यक माना जा रहा है। उनका मुकाबाल कांग्रेस के विधायक अजय टंडन से है।
अभी नहीं तो कभी नहीं की स्थिति में मुकेश नायक
चार दशक पहले छात्रों के सबसे बड़े नेता रहे मुकेश नायक पवई सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ रहे हैं। वे पिछला चुनाव हार गए थे। इस बार उन्होंने यहां पर जबरदस्त मेहनत की है। उनका मुकाबला भाजपा के प्रहलाद लोधी के साथ हैं। नायक 1985 में पहले बार विधायक बने थे।
1985 से लगातार जीत रहे गोपाल भार्गव
विधानसभा में सीनियर विधायकों के शुमार गोपाल भार्गव रेहली से 1985 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। वे राजनीति में अपने बेटे अभिषेक को आगे बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए यह चुनाव उनके लिए खासा महत्वपूर्ण हैं।