नई दिल्ली
ट्रेन में आग लगने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे के दो डिवीजन ने यात्रियों से अपील की है कि वो ट्रेन में कोई ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा ना करें. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा ये अपील की गई है. दक्षिण मध्य रेलवे जोन के विजयवाड़ा डिवीजन और ईस्ट कोस्ट रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन ने शुक्रवार को यात्रियों से ये अपील की है.
किन पदार्थों को नहीं करनी है यात्रा
दोनों डिवीजन ने शुक्रवार को यात्रियों से गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, स्टोव, माचिस, सिगरेट लाइटर और पटाखों सहित किसी भी ज्वलनशील पदार्थ नहीं ले जाने का आग्रह किया है. विजयवाड़ा डिवीजन के मंडल रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) नरेंद्र ए पाटिल ने कहा कि रेलवे पर ज्वलनशील और विस्फोटक सामग्री ले जाना एक दंडनीय अपराध है और धारा 67, 164 और 165 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है सजा?
अगर कोई यात्री ऐसे पदार्थों के साथ यात्रा करते पाया जाता है तो रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत उस यात्री को 1,000 रुपये तक का जुर्माना या तीन साल तक की कैद या दोनों की सजा हो सकती है. साथ ही, उन्होंने कहा कि दंडात्मक प्रावधानों के अलावा दोषियों को उनके कार्यों के कारण होने वाले किसी भी नुकसान, चोट या क्षति के लिए भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
बता दें, दिवाली के समय, विजयवाड़ा डिवीजन ने 18 अक्तूबर से 16 नवंबर के बीच अग्नि दुर्घटनाओं की रोकथाम पर यात्रियों के मध्य ज्वलनशील और विस्फोक पदार्थ ले जाने के खिलाफ एक विशेष अभियान भी चलाया था. सौरभ प्रसाद, डीआरएम, वाल्टेयर डिवीजन, ने कहा कि यात्रियों को ट्रेनों में ज्वलनशील सामग्री ले जाने से रोकने के लिए विशेष अभियान जोरों पर हैं.
सौरभ प्रसाद ने बताया कि ट्रेनों में ज्वलनशील सामग्री ले जाने से रोकने के लिए सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी), रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), नागरिक सुरक्षा और वाणिज्यिक कर्मचारियों के विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं. स्टेशनों पर यात्रियों के सामान की जांच की जा रही है और लोगों को सूचित करने के लिए लगातार घोषणाएं की जा रही हैं कि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ, पटाखे आदि न ले जाए. प्रसाद ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाएगी.