देहरादून
देहरादून शहर में स्थित रिलायंस के ज्यूलरी शो रूम में दिनदहाड़े लूट की घटना को अंजाम देने वाले कुख्यात सुबोध गिरोह से जुड़े दो मुख्य आरोपियों की पहचान करके पुलिस ने दोनों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने यहां बताया कि पुलिस तत्परता से लूट कांड की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार दो मुख्य आरोपियों की पहचान कर उनकी जल्द गिरफ्तारी के लिए दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
शहर की व्यस्ततम राजपुर रोड पर सेंट जोसेफ स्कूल के सामने स्थित रिलायंस ज्यूलरी शोरूम में नौ नवंबर को सुबह करीब साढ़े 10 बजे बदमाश बंदूक की नोक पर कई करोड़ रुपये के हीरे और सोने के आभूषण लूटकर फरार हो गए थे।
इस दुस्साहसिक वारदात से पूरे शहर में हड़कंप मच गया था। जिस समय लूट हुई, उस समय प्रदेश की राजधानी देहरादून में राज्य स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उसमें शामिल थीं।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि बिहार के वैशाली जिले के दिलावरपुर गांव के रहने वाले प्रिंस कुमार और विक्रम कुशवाहा पर पुलिस ने दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
उन्होंने बताया कि एक ही गांव के रहने वाले दोनों आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में हत्या,डकैती, अपहरण तथा अन्य सगींन अपराधों के मामले दर्ज हैं।
सिंह ने बताया कि इस वर्ष 14 जून को महाराष्ट्र के सांगली में रिलायंस के ज्यूलरी शोरूम में हुई 14 करोड़ रुपये की लूट में भी दोनों आरोपी वांछित हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रिंस कुमार के विरुद्ध जून 2020 में अपने साथियों के साथ मिलकर अपने गांव दिलावरपुर की मुखिया पूनम देवी के पति लव कुमार सिंह की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने का भी मामला दर्ज है जबकि विक्रम कुशवाहा पर वैशाली जिले में सदर हाजीपुर क्षेत्र में हथियारों के दम पर सुबोध पासवान नाम के व्यक्ति का अपरहण करने तथा उसे बचाने आये ग्रामीणों पर गोली चलाकर जानलेवा हमला करने के संबंध में मामला दर्ज है।
सिंह ने बताया कि लूट की घटना में मदद करने वाले दो सह आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। आरोपियों को पैसे मुहैया कराने के आरोपी रोहित को अंबाला से गिरफ्तार किया गया जबकि विशाल कुमार को वाहन मुहैया कराने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के लातूर पुलिस द्वारा गिरोह के सरगना सुबोध कुमार को पुलिस हिरासत में लिया गया था और इसी दौरान उससे पूछताछ करने के लिए भेजी गयी देहरादून पुलिस की टीम को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं।
सिंह ने बताया कि सुबोध ने जेल के अंदर से ही घटना के दौरान आरोपियों को पैसे उपलब्ध करवाता था। देहरादून की घटना में शामिल आरोपियों के खातों में पहले भी पैसों का लेन-देन हुआ है।
सिंह ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि किसी घटना को अंजाम देने से पहले आरोपियों द्वारा 40-50 किमी की दूरी पर अलग-अलग वाहनों को खड़ा किया जाता था तथा वाहन चालकों को केवल जरूरी जानकारी दी जाती थी। घटना में शामिल आरोपियों को भी एक-दूसरे के नाम व घटना में उनकी भूमिका के अलावा और कुछ नहीं बताया जाता था ताकि पकड़े जाने पर वह अन्य लोगों के संबंध में और कोई जानकारी न दे पायें।
उन्होंने बताया कि गिरोह द्वारा लूटे गए आभूषणों को नेपाल में 70 फीसदी कीमत में बेचकर नकद धन प्राप्त किया जाता था और मामले के थोड़ा ठंडा पड़ने पर उसे आपस मे बांट लिया जाता था।
सिंह ने बताया कि सुबोध गिरोह द्वारा कथित तौर पर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में रिलायंस के शो रूम से करोड़ों रुपये के गहने और मन्नपुरम गोल्ड और मुथूट फाइनेंस से करोड़ो रुपये के सोने की लूट की है। इस गिरोह ने भिवाड़ी में एक्सिस बैंक की शाखा से 90 लाख रुपये नकद तथा 30 लाख रुपये का सोना लूटा था।