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ज्ञानवापी में आज पूरा होगा साइंटिफिक सर्वे, ASI कल कोर्ट को सौंपेगा रिपोर्ट

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वाराणसी
 न्यायालय के आदेश पर चला रहा ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI survey) गुरुवार को समाप्त हो जाएगा। सर्वे के दौरान परिसर में मिले 250 से अधिक अवशेष कलेक्ट्रेट के कोषागार में सुरक्षित रखवाए गए हैं। वहीं अन्य अवशेष भी गुरुवार की शाम सुपुर्द कर दिए जाएंगे। एएसआई शुक्रवार को कोर्ट में अपनी सीलबंद रिपोर्ट सौंपेगी।

जिला जज की अदालत के आदेश पर हो रहा सर्वे
वाराणसी के जनपद न्यायाधीश डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। इसके बाद 24 जुलाई को एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे पर रोक लगा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद देश भर से आए एएसआई विशेषज्ञों ने सर्वे शुरू किया था।

सर्वे में तकनीकी रही कारगर
एएसआई की टीम ने जीपीआर व
अन्य तकनीकों के जरिये ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया। इस दौरान तमाम साक्ष्य मिले। ज्ञानवापी परिसर और तहखानों का सर्वेक्षण किया गया। इसमें हैदराबाद की स्पेशल टीम व कानपुर के विशेषज्ञ भी जीपीआर में शामिल रहे। ASI के एडिशनल डायरेक्टर कल कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेंगे।

जुलाई से जारी है सर्वे

कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वे किया जा रहा है। वाराणसी के जनपद न्यायाधीश डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। 24 जुलाई से एएसआई ने ज्ञानवापी में सर्वे का काम शुरू किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे पर रोक लगा दी गई थी।

कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से किया था इनकार

ज्ञानवापी में सर्वे का काम शुरू होने के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने को कहा। इसके अगले ही दिन 27 अगस्त को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। 3 अगस्त को चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की बेंच ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया और सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद 4 अगस्त से सर्वे का काम दोबारा शुरू हुआ। इसके बाद मुस्लिम पक्ष फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लेकिन सुप्रीम को ने मुस्लिम पक्ष को राहत देने से इनकार कर दिया।