भिलाई
ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान की प्रथम बैठक 26 नवम्बर को सुबह 11 बजे से श्री राम हाइट्स आडिटोरियम क्रिश्चियन कॉलेज रोड कैलाश नगर, भिलाई में आयोजित है। इस बैठक में बड़ी संख्या में शोध संस्थान के पदाधिकारी, सदस्य एवं आमंत्रित अतिथिगण ज्योतिष के क्षेत्र में किये गये उनके शोध, अनुभव, नवाचार की जानकारी देंगे।
संस्थान के अध्यक्ष बृजमोहन बाली ने जानकारी दी है कि इस दौरान शाम 4 बजे से सायं 6 बजे तक भिलाई दुर्ग सहित सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के आमजनों को विद्वान ज्योतिषियों द्वारा नि:शुल्क परामर्श दिया जायेगा। राज्य के ज्योतिष के प्रति रुचि रखने वाले व्यक्ति संस्थान के सदस्य बन सकते है एवं उपरोक्त कार्यक्रम में सदस्यता के फलस्वरूप भाग ले सकते है एवं उनके द्वारा ज्योतिष के क्षेत्र में कोई शोध, अनुभव या नवाचार किया गया है तो उस पर अपनी प्रस्तुतिकरण कर सकते है। उन्होंने बताया कि संस्थान को उद्योगपति उमेश चितलांगिया, प्रसिद्ध पैरेंटिंग एक्सपर्ट और संचालक सचदेवा न्यू पीटी. कॉलेज चिरंजीव कुमार जैन एवं संरक्षक आर.सी. शर्मा का निरंतर मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त हो रहा है।
अध्यक्ष बृजमोहन बाली ने बताया कि ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान द्वारा कई कार्यक्रम तय किए गए हैं। जिनमें प्रत्येक माह के अन्तिम रविवार को पूर्व निर्धारित ज्योतिषीय विषय पर किये गये शोध/नवाचार आदि पर चर्चा होगी। ज्योतिष के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त ज्योतिष के विद्वानों को मासिक परिचर्चा मे शामिल होने हेतु उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा। उल्लेखनीय ज्योतिषीय शोध को प्रकाशित करने हेतु पहल की जाएगी। ज्योतिष की विभिन्न विधाओं मे ज्योतिष सीखने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए ज्योतिष की कक्षाओं का आयोजन कर ज्योतिष से संबंधित प्राप्त ज्ञान अनुसार प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भिलाई एस्ट्रोलॉजिकल स्टडी सर्कल ने भिलाई स्टील प्लांट के क्रीड़ा एवं मनोरंजन परिषद के सहयोग से 5 नवम्बर 1977 को दो दिवसीय ऐतिहासिक ज्योतिष कार्यक्रम का आयोजन किया था। वहीं ज्योतिष को जनोपयोगी एवं आम लोगों तक इसकी पहुंच सुलभ कराने हेतु पुन: ज्योतिष विज्ञान दर्शन के नाम से ज्योतिष संस्था का गठन 1982 में मूर्धन्य ज्योतिष आचार्य स्व. रंगाराव एवं आचार्य वाय. एस. एन. मूर्ति के प्रयासों से किया गया। संस्था द्वारा अपने गठन से लेकर वर्ष 2022 तक निरंतर ज्योतिष संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/आॅनलाईन कार्यक्रमों आदि का आयोजन किया गया। अब नए सिरे से संगठन की गतिविधियां शुरू की गई हैं।