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जान की दुश्मन बनी ओवरस्पीड ड्राइविंग, 75 फीसदी मौतों की वजह स्पीड लिमिट क्रॉस

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नईदिल्ली

देश में सड़क हादसों की वजह से लाखों लोगों की मौत होती है. इनमें ज्यादातर मौतों की वजह ओवर स्पीड ड्राइविंग है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने मंगलवार को आंकड़े जारी कर बताया कि देश में 75 फीसदी हादसे स्पीड लिमिट क्रॉस करने से होते हैं.  

MoRTH के मुताबिक, साल 2022 में, 72.4 फीसदी सड़क हादसों की वजह ओवर स्पीडिंग है, जबकि 75 फीसदी से ज्यादा मौतें स्पीड लिमिट क्रॉस करने से होती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, बाइक से होने वाले हादसों में 50 हजार से अधिक लोग मारे गए क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था. इसमें बताया गया है कि 35,692 लोग बाइक चलाते समय मारे गए, जबकि 14,337 लोगों की जान बाइक पर पीछे बैठने पर हुई.  

सीट बेल्ट नहीं लगाने की वजह से 16 हजार लोगों की मौत

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कार में बैठे हुए उन 16,715 लोगों की मौत हुई है, जिन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी. इनमें 8300 लोग कार ड्राइव कर रहे थे, जबकि 8331 लोग कार में सवार थे. MoRTH के आकंड़ों में बताया गया है कि साल 2022 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4.61 लाख सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 1.68 लाख लोगों की जान चली गई और 4.43 लाख लोग घायल हुए यानी साल 2021 से ज्यादा हादसे 2022 में हुए.  

आंकड़ों की मानें तो साल 2022 में बीते साल की तुलना में हादसों में 11.9 फीसदी की वृद्धि हुई. इसके अलावा मृत्युदर में 9.4 फीसदी और घायलों की संख्या में 15.3 फीसदी की वृद्धि हुई है.

साल 2021 में 1.57 लाख लोगों की मौत

साल 2021 में सड़क हादसों में 1.57 लाख लोगों की मौत हुई थी, जोकि साल 2018 के बाद से सबसे अधिक थीं. कोविड महामारी के दौरान यह संख्या धीरे-धीरे कम हो गई क्योंकि यात्रा को लेकर बहुत सारे प्रतिबंध लागू थे. हालांकि साल 2018 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक थी. इस साल 4.70 लाख से अधिक हादसे हुए थे.

तमिलनाडु में सबसे अधिक हादसे

देश में सबसे अधिक हादसे तमिलनाडु में हुए थे. साल 2022 में 64,105 सड़क हादसे हुए, जोकि कुल हादसों का 13.9 फीसदी है. तमिलनाडु के बाद सबसे ज्यादा हादसे मध्य प्रदेश में 54,432 और उसके बाद यूपी में 22,595 हादसे हुए.