जयपुर
राजस्थान पुलिस ने राज्य में नौ अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से 200 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और आभूषण जब्त किए हैं, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया जाना था।
यह जानकारी एक शीर्ष अधिकारी ने दी।
बारह अधिकारियों की एक टीम का नेतृत्व करते हुए, पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने राज्य भर में कड़ी निगरानी के लिए एक ‘स्टॉर्म क्लब’ बनाया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 25 नवंबर के चुनाव के लिए प्रचार के दौरान उम्मीदवारों द्वारा मतदाता को अवैध रूप से प्रभावित नहीं किया जा सके।
वर्ष 2004 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी कुमार ने यहां कहा, ‘अब तक, हमने 214 करोड़ रुपये की जब्ती की है, जिसमें 25 करोड़ रुपये नकद, 20 करोड़ रुपये की शराब और 20 करोड़ रुपये के आभूषण और सोना शामिल हैं।''
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 60 करोड़ रुपये की दवाएं, पेट्रोल, डीजल और अवैध रूप से संग्रहीत उर्वरक भी विभिन्न जिलों में जब्त किए गए हैं, जिनका मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
कुमार ने कहा कि यह राजस्थान पुलिस का एक सामूहिक कार्य था, विशेषकर ‘स्टॉर्म क्लब’ के वॉर रूम का संचालन करने वाले अधिकारियों का।
उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में अनूठे कोड और निगरानी के साथ 650 जांच नाके स्थापित किए गए हैं, जिनकी 'वॉर रूम' से निरंतर निगरानी की जा रही है।
कुमार को राजस्थान में अंडरवर्ल्ड गतिविधियों की जांच के दौरान जम्मू-कश्मीर में फर्जी हथियार लाइसेंस घोटाले का पर्दाफाश करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चुनावी राज्य में नौ अक्टूबर को शुरू की गई निगरानी के दौरान कुछ अवैध हथियार और गोली-बारूद भी बरामद किए गए थे।
कुमार वर्तमान में व्यय निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग में राजस्थान पुलिस के नोडल अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने जब्ती के लिए अधिकारियों या नाका पार्टी को पुरस्कृत करने के लिए कुछ योजनाएं शुरू की हैं।
कुमार ने कहा, ”हमने जब्ती को लेकर कई मामले दर्ज किए हैं, क्योंकि ये सभी राज्य में चुनाव प्रचार के लिए थे।” राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा।