नई दिल्ली/मुंबई.
शरद पवार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी उद्धव ठाकरे को नागवार गुजरी है। मामले में प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने खुद कभी किसानों के कल्याण के बारे में न सोचा और न कुछ किया। उन्होंने पूछा-"आपने (पीएम मोदी) किसानों के लिए क्या किया है? तो मुझे बताएं कि आप किसानों के लिए क्या कर रहे हैं। बस दूसरों से पूछ रहे हैं कि उन्होंने क्या किया?"
शनिवार को एक कार्यक्रम में यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से सवाल किया-"पवार देखेंगे कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया? यह पवार और किसानों के बीच है, लेकिन आपने (पीएम मोदी) किसानों के लिए क्या किया?" उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर में किसान पूरे साल ठंड, हवा और बारिश में सड़क पर क्यों बैठे रहे? उसके बाद काला कानून वापस क्यों लिया गया?"
पीएम मोदी के बयान पर पवार का भी रिएक्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तंज के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने शनिवार को कहा कि पीएम को अपने संवैधानिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए। मुंबई में एक प्रेसवार्ता के दौरान पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री का पद एक महत्वपूर्ण पद है। एक प्रधानमंत्री को अपने संवैधानिक कद को ध्यान में रखते हुए बयान देना चाहिए। मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों निशाना बनाया। लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह इस तथ्य के कारण है कि उन्हें सही तरीके से जानकारी नहीं दी गई थी। पीएम ने मुझ पर जो भी बयान दिया है, मैं पीएम पद के महत्व और गरिमा को ध्यान में रखते हुए उस पर जवाब दूंगा।''
पीएम मोदी ने क्या कहा था
बता दें कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार (2004-14) थी, तब शरद पवार ने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया था। यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार पर परोक्ष हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जहां बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार सक्रिय रूप से किसानों को सशक्त बना रही है, वहीं महाराष्ट्र में कुछ लोग किसानों का प्रतिनिधित्व करने की आड़ में राजनीतिक गतिविधियों में लगे हुए थे।
साईंबाबा के दर्शन करने गए थे PM
शरद पवार ने यह भी दावा किया कि सत्ता खोने के डर ने पीएम को ऐसी टिप्पणी करने के लिए प्रेरित किया होगा। उन्होंने कहा, "वह (पीएम मोदी) शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के लिए गए थे, वहां शरद पवार के दर्शन करने की क्या जरूरत थी? अगर आप देशव्यापी तस्वीर देखें, तो कई राज्य ऐसे हैं जहां भाजपा सत्ता में नहीं है या उनकी सरकार अन्य दलों में कुछ तोड़फोड़ के बाद आई है। और जहां भी भाजपा सरकार है, वे कमजोर स्थिति में हैं। इसी कमजोरी और सत्ता खोने के डर ने उन्हें (प्रधानमंत्री) ऐसे बयान देने के लिए मजबूर किया होगा।''