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पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने 9वीं बार भरा पर्चा, जानें क्या है जीत का राज?

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रहली

 मध्य प्रदेश की सियासत में अपराजेय योद्धा के नाम से जाने जाने वाले पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने को रहली विधानसभा से नौवी बार अपना नामांकन दाखिल कर दिया. गोपाल भार्गव लगातार 1985 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं और एक भी चुनाव में उनकी हार नहीं हुई है. आज विधानसभा चुनाव 2023 के लिए गोपाल भार्गव का नामांकन दाखिल कराने केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार भी मौजूद रहे. 2003 से लगातार मंत्री और 2018 में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर देखा जाता है. गोपाल भार्गव के नामांकन रैली में विधानसभा क्षेत्र के हजारों समर्थकों ने हिस्सा लिया.

गोपाल भार्गव ने जमा किया नामांकन: विधानसभा चुनाव 2023 के तहत बुधवार को रहली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गोपाल भार्गव ने रिटर्निंग आफिसर रहली गोविन्द दुबे के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया. मंत्री गोपाल भार्गव ने चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए अपना नामांकन जमा किया. जहां तक गोपाल भार्गव के सियासी सफर की बात करें, तो गोपाल भार्गव ने पहला चुनाव 1985 में भाजपा के टिकट पर रहली विधानसभा से लड़ा था. तब से उनके जीत का सिलसिला लगातार जारी है.

अब तक वह 8 बार चुनाव जीत चुके हैं और नौंवी बार उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है. 2003 में गोपाल भार्गव पहली बार उमा भारती सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. फिर बाबूलाल गौर सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे और इसके बाद लगातार शिवराज सरकार में 2018 तक कैबिनेट मंत्री रहे. 2018 में जब भाजपा सरकार गिरी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. तब भाजपा ने लगातार आठ बार चुनाव जीत चुके गोपाल भार्गव के लिए नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी.

गोपाल भार्गव ने भरा नामांकन

क्या कहा नामांकन दाखिल करने के बाद: नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि "आज आप जो जन सैलाब देख रहे हैं. ये रहली की जनता से मेरा पारिवारिक रिश्ता है. लगातार 40 साल से मैं उनके सुख-दुख में उनके साथ खड़ा हूं. यह उसी का प्रतिफल है. लगातार नौवीं बार चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी हाई कमान करता है. मैं इतना जरुर कहना चाहूंगा कि कोई भी जिस भी क्षेत्र में लगातार मेहनत करता है और काम करता है. तो उसकी कोई ना कोई महत्वाकांक्षा जरूर होती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की रीति नीति रही है कि वह किसी भी व्यक्ति को आदेश कर सकती है. मेरा मानना है कि बहुत कुछ भाग्य पर भी निर्भर करता है. पार्टी के प्रति आपके समर्पण पर निर्भर करता है. पार्टी जो भी आदेश देगी, वह काम बीजेपी के कार्यकर्ता करते हैं. आप देख रहे होंगे कि कई केंद्रीय मंत्री विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं."