भोपाल
छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (Nisha Bangre) की बैतूल जिले की आमला सीट से विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) लड़ने की उम्मीद अभी बाकी है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को इस्तीफे के मामले में बड़ी राहत दी है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि सोमवार 23 अक्टूबर तक निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर अपना निर्णय लें. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निशा बांगरे के इस्तीफे पर 27 अक्टूबर तक एक्शन टेकन रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश दिए हैं.
बैतूल निवासी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (छतरपुर में पदस्थापना) ने अपने पद से इस्तीफा देकर आमला सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली थी. राज्य सरकार अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रही थी. इस बीच निशा बांगरे ने पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने इस्तीफे पर जल्द फैसला लेने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निशा बांगरे को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में ही जाने का निर्देश दिया था. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को केस का निराकरण जल्द करने को कहा था.
नामांकन से पहले राज्य सरकार को लेना होगा निर्देश
शुक्रवार को हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने निशा बांगरे की याचिका और राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई की. इस सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव के नामांकन की तारीख को देखते हुए सरकार को 23 अक्टूबर तक निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर निर्णय लेना होगा. ऐसे में अब राज्य सरकार के लिए हाई कोर्ट का ये आदेश बाध्यकारी होगा. इस्तीफा स्वीकार होने पर निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से मुक्त होकर चुनाव लड़ने के लिए पात्र हो जाएंगी.
यहां बताते चलें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपनी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. सिर्फ आमला की एक सीट होल्ड पर रखी गई है, जिसमें नौकरी से इस्तीफा दे चुकीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को पार्टी मैदान में उतारना चाहती है.