जयपुर.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अदालत से कहा कि कथित संजीवनी घोटाले के संबंध में केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ उनके आरोप सच्चाई हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मानहानि नहीं कहा जा सकता। गहलोत की तरफ से पेश वकील ने राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत को बताया कि कथित नौ सौ करोड़ रुपये के संजीवनी मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले की जांच कर रहे राजस्थान पुलिस के विशेष संचालन समूह (एसओजी) ने भाजपा नेता को नोटिस दिया था।
उन्होंने एक याचिका भी दायर की। गहलोत के वकील ने दावा किया… शेखावत ने नोटिस से जुड़े तथ्य छुपाए। एसओजी राजस्थान द्वारा वर्ष 2020 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने एसओजी के नोटिस का जवाब दायर किया। उन्होंने अदालत में कहा कि अदालत से इस तथ्य को छुपाया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल ने कभी नहीं कहा कि शिकायतकर्ता को मामले में दोषी ठहराया गया है। बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि शिकायतकर्ता भी मामले में आरोपी हैं। वकील ने आगे कहा कि गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला नहीं बनता है. वकील ने कहा कि प्रथम दृष्टया इसमें संलिप्तता प्रतीत नहीं होती है। अदालत इस मामले की आगे की सुनवाई 20 अक्टूबर को करेगी। कथित संजीवनी घोटाले से उन्हें जोड़ने वाली कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर शेखावत की शिकायत के बाद अदालत ने 7 अगस्त को गहलोत को तलब किया था।
यह घोटाला अत्यधिक आकर्षक रिटर्न के वादे पर संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा कथित तौर पर हजारों निवेशकों से लगभग नौ सौ करोड़ रुपये ठगे जाने से संबंधित है। कथित संजीवनी घोटाले से गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) का नाम जोड़ने वाले कांग्रेस नेता गहलोत की टिप्पणी पर शेखावत ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अदालत ने 7 अगस्त को गहलोत को तलब किया था। यह घोटाला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (Sanjivani Credit Cooperative Society) द्वारा अत्यधिक आकर्षक रिटर्न के वादे पर हजारों निवेशकों से कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये ठगे जाने से संबंधित है।