इंदौर
विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी मशीनों का प्रथम रेंडमाइजेशन सोमवार को किया जाएगा। कलेक्टर कार्यालय में होने वाली रेंडमाइजेशन प्रक्रिया में सभी राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। प्रथम रेंडमाइजेशन प्रक्रिया के दौरान मशीन की गतिविधियां राजनीति पार्टी के प्रतिनिधि देख सकेंगे।
विधानसभा निर्वाचन 2023 के तहत ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी मशीनों का प्रथम रेंडमाइजेशन 16 अक्टूबर को प्रात: 11 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष क्रमांक 102 में किया जाएगा। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि इस दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। सभी पार्टी प्रतिनिधि को निमंत्रण भेजा गया हैं। प्रथम रेंडमाइजेशन के कार्य के दौरान राजनीति पार्टी के पदाधिकारियों को मशीन से जुड़ी जानकारियां दी जाएगी। प्रथम रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया का लाइव डेमो सभी के सामने होगा।
17 नवंबर को होना है मतदान
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को होंगे। इसके लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। जिला निर्वाचन विभाग ने स्वीप गतिविधियों के साथ ही ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी मशीनों का रेंडमाइजेशन कार्य शुरू हो चुका है। इसके बाद दूसरा रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया होगी।
सहायक मतदान केंद्रों का प्रस्ताव तैयार
विधानसभा चुनाव के दौरान 1550 से अधिक संख्या वाले मतदान केद्रों में सहायक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इंदौर जिले में 79 केंद्र से जहां पर सहायक मतदान केंद्र बनाया जाना है। जिला निर्वाचन विभाग ने राजनीतिक पार्टियों की सहमति से केदो का प्रस्ताव बनाकर आयोग को भेज दिया है। अब इनके लिए मतदान दलों की व्यवस्था की जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी का रेंडमाइज
इस बारे में सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रुपेश वर्मा ने बताया कि, "मतदान से पहले ईएमएस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहली बार इन्हें विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आबंटित किए जाने के दौरान और दूसरी बार इन्हें मतदान केंद्र आबंटित किए जाने के दौरान रेंडमाइज किया जाता है. रेंडमाइजेशन और कमिश्निंग की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और चुनाव में लड़ने वालों को बुलाया जाता है. दोनों रेंडमाइजेशन के बाद ईवीएम और वीवीपैट की रेंडमाइज्ड सूची मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को दी जाती है."
मतदान से पहले किया जाता है मॉक पोल: चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम और वीवीपैट की कमिश्निंग की जाती है.ये काम चुनाव लड़ने वाले नेताओं की मौजूदगी में किया जाता है. कमिश्निंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपैट में चुनाव चिन्ह लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे. कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपैट में नोटा सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अलावा रेंडम तौर पर चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम और वीवीपैट पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपैट के पेपर स्लिप से किया जाता है.
बता दें कि मतदान के दिन मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में तीन बार मॉक पोल किया जाता है. इस दौरान नोटा सहित प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है. कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान वीवीपैट से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी की ओर से तैयार किया जाता है. मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लीयर बटन दबाकर मॉक पोल का डॉटा डिलीट किया जाता है. मॉक पोल की वीवीपैट पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है. वहीं, मतदाताओं की सुविधा के लिए ईवीएम पर लगाए जाने वाले बैलट पेपर पर अभ्यर्थियों के फोटोग्राफ भी दिखाए जाते हैं. इसके लिए अभ्यर्थियों को रिटर्निंग ऑफिसर के सामने हाल ही का स्टैंप साइज का फोटोग्राफ पेश करना होता है. हर बार की तरह नोटा का प्रावधान इस बार के चुनाव में भी रहेगा.