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गाजा में तबाही के बीच इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देश हुए एकजुट, लिया ये एक्शन

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 नईदिल्ली

हमास और इजरायल में जारी जंग को रोकने के लिए अरब देशों के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है.   22 देशों के संगठन अरब लीग ने मिस्र के कायरो में सदस्य देशों के साथ एक आपातकालीन मंत्रिस्तरीय बैठक की है.

विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में अरब लीग ने इजरायल द्वारा गाजा पट्टी में आवश्यक मूलभूत सुविधाओं में कटौती करने के फैसले को अन्यायपूर्ण बताते हुए इजरायल से गाजा पट्टी में जल्द से जल्द मूलभूत सुविधाओं की बहाली की मांग की है. इसके अलावा, अरब लीग ने इजरायल से अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने और दो देश (टू स्टेट) समाधान पर बातचीत पर वापस लौटने का आग्रह किया है.

इससे पहले सऊदी अरब ने  कैबिनेट स्तर की बैठक की थी. इस बैठक में सऊदी किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फिलिस्तीन, जॉर्डन और मिस्र के राष्ट्रपति समेत अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय नेताओं से बात की थी.

अरब लीग ने गाजा पट्टी की घेराबंदी की निंदा की

बैठक में अरब लीग के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध पर चर्चा की. इस दौरान मंत्रियों ने इजरायल से गाजा की पूर्ण नाकाबंदी हटाने की मांग की. अरब लीग ने इजरायल से गाजा को बिजली आपूर्ति और पानी में कटौती करने के फैसले पर भी पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया.

इजरायली सेना द्वारा गाजा पट्टी की घेराबंदी की निंदा करते हुए अरब लीग ने कहा कि मानवीय सहायता को गाजा पट्टी में पहुंचाने की तत्काल अनुमति दी जाए. अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि अरब लीग इजरायल से गाजा पट्टी में भोजन, ईंधन और मानवीय सहायता तत्काल भेजने का आह्वान करता है.

शनिवार को हमास द्वारा इजरायल के शहर पर रॉकेट दागने के बाद से ही इजरायल की सेना गाजा पट्टी और खासतौर पर हमास के ठिकानों पर बम बरसा रही है. इजरायल ने गाजा पट्टी की पूर्ण घेराबंदी करते हुए पानी, भोजन और बिजली की आपूर्ति काट दी है.

अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी

गाजा पट्टी के मीडिया कार्यालय के कर्मचारी सलामा मारौफ ने कहा है कि गाजा की पूर्ण घेराबंदी और लगातार हवाई हमले ने यहां के आवासीय इमारतों, मस्जिदों, कारखानों और दुकानों को प्रभावित किया है.

गाजा के अल-शिफा अस्पताल में आपातकालीन स्थिति के इंचार्ज मोहम्मद घोनिम ने कहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सहित दवाओं की आपूर्ति कम हो रही है. जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या है अरब लीग?

22 मार्च 1945 को छह देशों ने मिलकर अरब लीग (Arab League) की स्थापना की थी. तत्कालीन अरब लीग के सदस्य देश थे- मिस्र, इराक, ट्रांसजोर्डन (जॉर्डन), लेबनान, सऊदी अरब और सीरिया.

वर्तमान में अरब लीग में 22 सदस्य हैं- अल्जीरिया, बहरीन, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मॉरिशियाना, मोरक्को, ओमान, फिलिस्तीन, कतर, सऊदी अरब, सोमालिया, सूडान, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, जिबूती, कोमोरस और सीरिया है. हालांकि, सीरिया को फिलहाल अरब लीग से सस्पेंड कर दिया गया है.

सऊदी अरब ने की OIC की बैठक बुलाने की मांग

इजरायल-फिलिस्तीन जंग को लेकर सऊदी अरब ने 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ कोऑपरेशन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाने की मांग की है. OIC में सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा माना जाता है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर शांति और सद्भाव बनाते हुए मुसलमानों की सुरक्षा करना है.  

सऊदी अरब ने ब्रिटेन और कनाडा से की बात

सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक,  ब्रिटेन और कनाडा के विदेश मंत्री ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान से हमास और इजरायल के बीच जारी संघर्ष को लेकर बात की है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली और कनाडा के विदेश मंत्री मेलोनी जोली ने गाजा और उसके आसपास के क्षेत्रों में तनाव को कम करने की जरूरतों पर भी चर्चा की है.

इस बातचीत के दौरान सऊदी अरब ने फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और इस संघर्ष का उचित समाधान खोजने के महत्व को दोहराया है. इसके अलावा सऊदी अरब ने नागरिकों की रक्षा करने और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आने का आह्वान किया.