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दोस्त की हत्या कर 5 साल में पहचान व बदले 3 ठिकाने, मेरठ से पकड़ा

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नई दिल्ली.
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है। वह पिछले पांच सालों से जमानत मिलने के बाद से ही फरार चल रहा था। इस दौरान वह एक शहर से दूसरे शहर गया। इतना ही नहीं उसने अपनी पहचान भी बदल ली। लेकिन कानून के लंबे हाथों ने आखिरकार उसे पकड़ लिया। तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर उसने 2017 में पूर्वोत्तर दिल्ली के खजूरी के यमुना खादर में अपने एक दोस्त की पत्थर से सिर कुचलकर हत्या करके शव को आग लगा दी थी।

गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद समीर है। जब उसे पिछले हफ्ते शाहदरा जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया तो वह मेरठ में लोडर के तौर पर काम कर रहा था। डीसीपी (शाहदरा) रोहित मीणा ने कहा, 'जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया और तब से वह एक जगह से दूसरी जगह घूमता
रहा। सबसे पहले, वह यूपी के बिजनौर के चांदपुर गांव गया, फिर वह गाजियाबाद के पास लोनी और फिर मेरठ के नूर नगर चला गया।' यहीं से उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया।

डीसीपी ने कहा कि समीर ने अपना नाम भी बदलकर मुस्तफा रख लिया था। डीसीपी ने कहा, उसने दाढ़ी बढ़ाकर अपना रूप बदलने की कोशिश की और लो प्रोफाइल बनाकर रहने लगा। इसी साल जुलाई में समीर उर्फ मुस्तफा की शादी भी हुई थी।  पुलिस ने कहा कि समीर, उसके भाई मोहम्मद आदिल और दोस्तों सुधीर कुमार और दिनेश कुमार ने कथित तौर पर 29 जनवरी, 2017 को राजेश (एक कॉमन फ्रेंड) की हत्या कर दी, क्योंकि पीड़ित ने आरोपी सुधीर के अपनी पत्नी के साथ कथित तौर पर संबंध होने पर आपत्ति जताई थी।

डीसीपी ने कहा, 'पीड़ित का सुधीर के साथ विवाद था और वह अपनी पत्नी को उसके करीब होने के लिए अक्सर डांटता था। सुधीर ने राजेश को मारने का फैसला किया क्योंकि वह उनके रिश्ते के बीच एकमात्र बाधा था। सुधीर ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर राजेश की हत्या की साजिश
रची। उन्होंने राजेश को ड्रिंक के लिए खजूरी फ्लाईओवर के पास बुलाया। जब राजेश काफी नशे में था तो चारों उसे घसीटकर यमुना खादर इलाके में ले गए और पत्थरों से उसका सिर और चेहरा कुचल दिया। राजेश के मरने के बाद, उन्होंने उसका सिर काट दिया और उसके धड़ को आग लगा दी।'
पीड़िता और चारों आरोपी उस समय दिल्ली में निजी कंपनियों में कार्यरत थे।

अपराध करने के एक हफ्ते बाद, सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। समीर को मामले में जमानत मिल गई लेकिन वह फरार हो गया। अदालत ने उसे 'घोषित अपराधी' घोषित कर दिया। घोषित अपराधियों को पकड़ने के लिए समर्पित गीता कॉलोनी पुलिस स्टेशन की एक टीम ने 'अदालत में समीर की जमानत जमानत देने वाले व्यक्ति' से बात करने के बाद उसे मेरठ के नूर नगर में ट्रैक किया। मीणा ने कहा, 'जमनातदार ने एक फोन नंबर दिया जिसे निगरानी (सर्विलांस) में रखा गया, इससे समीर की गिरफ्तारी हुई। वह लगभग दो साल तक मेरठ में रहा। मजदूर के तौर पर काम करने से पहले वह ई-रिक्शा चलाता था।'