गाजियाबाद.
रोक के बावजूद पिटबुल, डोगो अर्जेंटीनो और रॉटविलर जैसे खूंखार नस्ल के कुत्ते पाले जा रहे हैं। यह कुत्ते 400 से ज्यादा सोसाइटी और कॉलोनियों में रह रहे हैं। इनके हमला करने से दहशत का माहौल रहता है। निगम ने दस महीने पहले इनका पंजीकरण बंद कर दिया, फिर भी इन नस्ल के कुत्तों को चोरी-छुपे पाला जा रहा।
नगर निगम में कुत्ता पालने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। ज्यादा संख्या में लोग पंजीकरण करा सके इसके लिए शुल्क फीस 200 रुपये
थी। हालांकि इसे बढ़ाकर अब 500 रुपये पर कर दिया है। इसके बावजूद लोग पालतू कुत्तों का पंजीकरण नहीं करा रहे। साढ़े पांच हजार पालतू कुत्तों का ही पंजीकरण हो सका है। दरअसल, पंजीकरण कराते वक्त टीकाकरण कार्ड जमा कराना अनिवार्य है। ज्यादातर लोग टीकाकरण कराए बिना ही कुत्तों को पाल रहे हैं। निगम के अनुसार, शहर में करीब 20 हजार पालतू कुत्ते हैं। सभी का पंजीकरण नहीं हो सका।
शहर की जीएच-7, प्रोव्यू लेबोनी, पंचशील वेलिंगटन, अंजनारा इंटीग्रिटी, क्लासिक रेजीडेंसी, गुलमोहर गार्डन, महागुनपुरम, गोल्फ लिंक, वीवीआईपी, मिक्सन रुफ, चार्म्स कैसल सोसाइटी और संजयनगर, राजनगर, कविनगर, गोविंदपुरम, प्रताप विहार, शास्त्रीनगर, अवंतिका आदि कॉलोनी में पिटबुल, डोगो अर्जेंटीनो और रोटविलर जैसे खूंखार कुत्ते हैं। इनमें से ज्यादातर का निगम में पंजीकरण नहीं हैं। निगम की तरफ से भी पंजीकरण की जांच नहीं कराई जा रही।
हमले के मामले
● 15 अगस्त लोनी में बच्ची पर पिटबुल ने हमला कर कान अलग किया
● 03 सितंबर सेक्टर-23 संजयनगर में पिटबुल ने बच्चे को जख्मी किया, 150 टांके आए
● 05 सितंबर चार्म्स कैसल सोसाइटी में कुत्ते ने बच्चे को काटा
● 06 सितंबर कीर्तन वाली में रोटविलर ने बच्चे को जख्मी किया
ये हैं पालने के नियम
● अपार्टमेंट में प्रशिक्षण के बाद कुत्तों को पाला जा सकता है, बिना रस्सी के कुत्ता घूमाने पर रोक
● आबादी के बीच कुत्तों के टहलने पर पाबंदी, रस्सी से बांधकर कुत्तों को मजबूती से पकड़ना
● कुत्ता घूमाते वक्त मुंह पर मजल (जाली) लगाना जरूरी, नियमित अंतराल पर टीकाकरण जरूरी