भोपाल
कांग्रेस के पूर्व राष्टÑीय अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी की सभा करवाने के लिए शहडोल जिले के ब्योहारी को इसलिए चुना गया कि इस क्षेत्र सहित इससे सटे आधा दर्जन क्षेत्रों में कांग्रेस का कोई भी विधायक नहीं हैं। वे दस अक्टूबर को सभा करने के लिए आ रहे हैं। ब्योहारी में सभा करने का प्लान सीधे राहुल गांधी ने ही बनाया है। ब्योहारी एसटी के लिए आरक्षित सीट है। जबकि इससे सटी सीटों में सतना जिले की अमरपाटन, मैहर सहित अन्य सीटें हैं। इस जगह पर सभा करने का असर विंध्य की कई सीटों पर भी जाएंगा।
गौरतलब है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र में सबसे खराब परिणाम मिले थे। पिछले चुनाव में आए खराब परिणामों के साथ ही ब्योहारी और उसके आसपास की सीटों पर असर डालने के लिए राहुल गांधी ने यह जगह अपनी सभा के लिए चुनी है। पहले वे यहीं पर सभा करने के लिए सिंतम्बर में आने वाले थे, लेकिन फिर उनका दौरा टल गया, अब वे दस अक्टूबर को यहां पर आ रहे हैं। ब्यौहारी सीट से सटा हुआ एक बड़ा हिस्सा एसटी सीटों का भी है। जो मंडला विधानसभा क्षेत्र तक जाता है।
ये हैं सटी हुई सीटें
अमरपाटन सीट पर पिछला चुनाव कांग्रेस हार गई थी। इस सीट से कांग्रेस ने विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह को उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। इसी तरह सतना जिले की मैहर सीट से भी कुछ हिस्सा ब्योहारी क्षेत्र का लगा हुआ है। यहां पर भी कांग्रेस हार गई थी और भाजपा के नारायण त्रिपाठी चुनाव जीते थे। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की चुरहट सीट भी ब्योहारी से सटी हुई है। इस सीट पर भी कांग्रेस चुनाव हार गई थी।
धोहनी सीट भी ब्योहारी से सटी हुई है। यहां पर भी कांग्रेस उम्मीदवार कमलेश सिंह भाजपा के कुंवर सिंह टेकाम से चुनाव हार गए थे। जयसिंहनगर भी भाजपा के कब्जे वाली सीट हैं, यहां से कांग्रेस के धरमू सिंह मार्को भाजपा के जयसिंह मरावी से चुनाव हार गए थे। वहीं उमरिया जिले की मानपुर सीट भी ब्योहारी से सटी हुई है। इस सीट पर भाजपा की मीना सिंह ने कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह को हराया था।
सिर्फ तीन सीटों पर ही जीती थी कांग्रेस
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विंध्य में सिर्फ तीन सीटों पर ही चुनाव जीत सकी थी। सतना जिले में जहां उसके पास दो सीटें आई थी। वहीं सीधी में एक सीट आई थी। शहडोल जिले में उसके पास एक भी सीट नहीं आई थी। सतना विधानसभा से सिद्धार्थ कुशवाह चुनाव जीते थे, जबकि चित्रकूट से नीलांशु चतुर्वेदी और सिंहावल से कमलेश्वर पटेल ने चुनाव जीता था। बाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के पास रैगांव सीट आ गई थी, यहां से कल्पना वर्मा चुनाव जीती थी।
यह थी ब्योहारी की स्थिति
इस सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस ने रामपाल सिंह को उम्मीदवार बनाय था। जबकि भाजपा ने शरद कौल को टिकट दिया था। राम पाल सिंह को महज 38 हजार 557 वोट ही मिल सके थे। शरद कौल ने उन्हें 39 हजार 450 वोटों से हराया था।