Home राज्यों से राजस्थान सरकार अपनाएगी इजरायल मॉडल, महिलाओं के लिए खुलेंगे रोजगार कार्यालय

राजस्थान सरकार अपनाएगी इजरायल मॉडल, महिलाओं के लिए खुलेंगे रोजगार कार्यालय

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जयपुर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने  राजस्थान विजन 2030 डॉक्यूमेंट जारी किया। उन्होंने कहा कि यह डॉक्यूमेंट आने वाले समय में प्रदेश के विकास को एक नई दिशा देने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा। भविष्य में और भी सुझाव इसमें जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के लिए प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक प्रगति सहित शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से संबधित तीन करोड़ से अधिक सुझाव लोगों से प्राप्त हुए।

सीएम गहलोत ने इस दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और जल संसाधन विभाग के लगभग 12 हजार 700 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इनमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के 1155.70 करोड़ रुपये के 11 कार्य, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के 4884 करोड़ रुपये के 149 कार्य, सार्वजनिक निर्माण विभाग के 1328.80 करोड़ रुपये के 27 कार्य तथा जल संसाधन विभाग के 5388 करोड़ रुपये के 81 कार्य शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमारा ध्येय मार्केटिंग से ज्यादा काम पर है। यह हर्ष का विषय है कि इस साल 15 अगस्त को अपने संबोधन में विजन डॉक्यूमेंट की पहल की। इतने अल्प समय में ही व्यापक स्तर पर लोग इस मुहिम से जुड़े तथा उन्होंने अपनी सोच सरकार तक पहुंचाई। डॉ. कलाम ने कहा था कि सपना बड़ा देखो, हमने देखा तथा प्रदेशवासियों की सहभागिता से साकार हुआ।

अन्य राज्य कर रहे हमारी योजनाओं का अनुसरण
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अपनी अभाव ग्रस्त छवि को पीछे छोड़कर राजस्थान आज आगे बढ़ रहा है। अब विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। ओपीएस जैसी पहल की चर्चा पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन कर किसानों की भूमि कुर्क नहीं करने का प्रावधान किया गया है। देश में पहली बार गिग वर्कर्स एक्ट लाया गया, जिससे लाखों गिग वर्कर्स को शोषण से सुरक्षा मिली। इस प्रकार का कानून दुनिया भर में लागू करने की अनुशंसा विश्व के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में की जा रही है।

उन्होंने कहा कि महंगाई से राहत देने के लिए लाई गई राज्य की जनकल्याणकारी योजनाएं पूरे देश में सराही जा रही हैं और इनका अनुसरण किया जा रहा है। 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। केंद्र सरकार को पूरे देश में यह योजना लागू करनी चाहिए। घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को 100 और 2000 यूनिट बिजली निःशुल्क दिए जाने से एक करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं तथा 14 लाख किसानों का बिल शून्य हो गया है। एक करोड़ से अधिक लोगों को न्यूनतम 1000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए चार क्रांतिकारी कानूनों की तर्ज पर प्रदेश में राइट टू हेल्थ लाया गया। केंद्र सरकार को भी इस क्रम में राइट टू सोशल सिक्योरिटी लागू करना चाहिए।

हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा राजस्थान
गहलोत ने कहा कि पिछले पांच साल में राजस्थान हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के तहत 500 बच्चों को विदेश भेजा रहा है, जिस तरह बड़ौदा महाराजा ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को विदेश भेजा और वे संविधान निर्माता बनकर लौटे उसी तरह ये बच्चे भी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनकर लौटेंगे। राज्य में 30 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में लाए गए सुधारों के कारण यहां के विद्यार्थी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली बार किसानों के लिए राज्य में अलग बजट पेश किया गया। 12 मिशन के माध्यम से किसानों को नीतिगत तथा आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने का कार्य किया जा रहा है। पशुपालकों को राज्य सरकार की नीतियों से मिले प्रोत्साहन का ही परिणाम है कि आज दूध उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में नए जिले बनाए गए, इससे मुख्यालय से दूरियां कम हुई हैं तथा छोटी प्रशासनिक इकाइयों द्वारा तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है। रामलुभाया कमेटी द्वारा सिफारिश पर राज्य में और नए जिलों का गठन किया जाएगा।

शानदार वित्तीय प्रबंधन, पूरे हुए वादे
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी में प्रदेश में शानदार प्रबंधन किया गया। राजस्थान का नाम देश दुनिया में रोशन हुआ। इस दौरान राज्य के 35 लाख लोगों को डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता दी गई। आज उत्तर भारत में आर्थिक विकास दर में राजस्थान प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि चार सालों में जीडीपी छह लाख करोड़ बढ़ी है तथा 2030 तक इसे 30 लाख करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। जनकल्याणकारी योजनाओं के संचालन के साथ-साथ उच्च आर्थिक विकास दर शानदार वितीय प्रबंधन से ही संभव हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में शानदार फैसले लिए गए हैं। जनता से किए गए 90 प्रतिशत से अधिक वादे अब तक पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पेपरलीक पर रोक के लिए कानून बनाया गया है तथा आजीवन कारावास जैसे कड़े प्रावधान किए गए हैं। इन प्रकरणों में लगभग 200 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।

शांति और भाईचारे से ही प्रगति
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में गांधीवादी विचारों के प्रचार-प्रसार करने तथा सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए शांति और अहिंसा विभाग की स्थापना की गई। राज्य सरकार द्वारा सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने, अहिंसावादी सोच को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार युवाओं को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में पिछले काफी समय से जारी हिंसा चिंताजनक है। शांति एवं भाईचारे से ही प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि राज्य में वैचारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की तर्ज पर महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया की तर्ज पर कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान की स्थापना की गई।

संघीय ढांचे को क्षति पहुंचाने वाली सोच अहितकारी
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाली सोच देश के लिए अहितकारी है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने से चुनावों का महत्व समाप्त होता है तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचती है। उन्होंने कहा कि राज्य को केन्द्र से मिलने वाले अनुदान में कटौती हुई है। सभी प्रकार के व्यवधानों का सामना करते हुए हम आगे बढ़े हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के अंतर्गत 53 बांधों को जोड़ने की घोषणा की गई है। केन्द्र सरकार को जल्दी से जल्दी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना चाहिए। जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने से जनता का अहित होता है। रिफाइनरी के रूकने से इसके खर्चे में अप्रत्याशित वृद्धि इसका एक उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने की ये घोषणाएं

    ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो समेत इंटरनेट आधारित कम्पनियों में काम करने वाले गिग वर्कर्स जैसे डिलीवरी बॉय, कैब चालक आदि को राजस्थान सरकार के साथ पंजीकरण करवाने पर हेलमेट, ड्रेस, शूज आदि रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए 5,000 रुपये की एकबारीय सहायता दी जाएगी।

    सभी बालिकाओं और महिलाओं को रोडवेज का मंथली पास बनवाने पर किराए में 90 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

    अलग-अलग विभागों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदोन्नति, पदस्थापन, स्थानांतरण सहित विभिन्न कार्यों को एक जगह से संचालित करने के लिए मंत्रालयिक कर्मचारी निदेशालय बनाया जाएगा।

    चिरंजीवी एंबुलेंस प्रोजेक्ट के तहत 200 एंबुलेंस को हरी झंडी

    कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर के पुरस्कृत निबंधों की संकलन पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम में मिशन 2030 पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

    मुख्यमंत्री ने चिरंजीवी एंबुलेंस प्रोजेक्ट के तहत 200 एंबुलेंस को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए हरी झंडी दिखाकर किया रवाना। इसमें 100 आपातकालीन एंबुलेंस-108 और 100 जननी सुरक्षा एंबुलेंस-104 शामिल हैं।

    गहलोत ने इस दौरान 15 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों, व्याख्याताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। साथ ही, उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट से संबंधित निबंध, भाषण प्रतियोगिताओं में विद्यालय स्तर पर विजेता विद्यार्थियों को लैपटॉप एयर महाविद्यालय स्तर पर विजेता विद्यार्थियों को 1-1 लाख रुपये के पुरुस्कार दिए गए। इस दौरान राजस्थान अनुकंपा नियुक्ति प्रबंधन प्रणाली और बिजनेस टू गवर्नमेंट पोर्टल का शुभारंभ किया गया।

    मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि 2030 तक प्रदेश के हर वर्ग और हर क्षेत्र में राज्य की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए यह डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। इसमें सुझाव देने वाले सभी तीन करोड़ से अधिक लोग बधाई के पात्र हैं।

    उन्होंने कहा कि इनमें से सर्वश्रेष्ठ सुझाव छांटकर राजस्थान के उज्जवल भविष्य का दस्तावेज बनाया गया है। शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि निबंध प्रतियोगिता में नौ लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसमें से चार विजेता रहे। एक विजेता विद्यार्थी जिसके स्कूल में भूगोल विषय नहीं था, के निवेदन पर मुख्यमंत्री ने वहां भूगोल संकाय खोलने की अनुमति दी है।

    मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट 2030 के लिए 3.33 करोड़ सुझावों को संकलित किया गया। ये डॉक्यूमेंट पूरे प्रदेश के सपनों, अकांक्षाओं और अपेक्षाओं को शामिल करते हुऐ तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सुझाव संकलित करने हेतु वेबसाइट लांच की गई और विभिन्न विभागों द्वारा समन्वय किया गया।

    विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा इसमें व्यापक स्तर पर जनसहभागिता सुनिश्चित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि हर वर्ग और हर क्षेत्र में तरक्की की कार्य-योजना इसमें शामिल की गई है। आज इस कार्यक्रम में हर क्षेत्र में राजस्थान का सम्पूर्ण विकास कर प्रथम स्थान पर लाने का हमें संकल्प लेना चाहिए।

    प्रमुख शासन सचिव आयोजना भवानी सिंह देथा ने कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा, श्रम राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान, राजसिको चेयरमैन राजीव अरोड़ा, विधायक रफीक खान, अमीन कागजी, गंगा देवी तथा इंदिरा मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।