नईदिल्ली
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हाल ही में गिरफ्तार किए ISIS के तीन संदिग्ध आतंकियों में से एक संदिग्ध आतंकी पर बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी अरशद वारसी दिल्ली दंगों में लोगों को भड़काने और पंपलेट बांटने का काम करता था। इसके अलावा वह जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के ग्रुप से भी जुड़ा हुआ था। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद अरशद वारसी जामिया में दिल्ली दंगों से पहले हुए प्रदर्शन में भी सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा था।
ISIS आतंकी के साथ शरजील की दोस्ती
बता दें कि दिल्ली दंगों की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने उस समय भी गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मोहम्मद अरशद वारसी से पूछताछ की थी लेकिन उस समय पूछताछ के दौरान मोहम्मद अरशद वारसी ने खुद को बेगुनाह बताया था और शरजील इमाम से भी किसी भी तरह का संबंध न होने की बात कही थी। इस तरह से वह क्राइम ब्रांच को चकमा देने में कामयाब रहा था। दरअसल, मोहम्मद अरशद वारसी जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के ग्रुप से जुड़ा हुआ था तो वहीं दूसरी तरफ शरजील इमाम जेएनयू के मुस्लिम स्टूडेंट ग्रुप से जुड़ा हुआ था। इसी के चलते मोहम्मद अरशद वारसी और शरजील इमाम के बीच बातचीत होना शुरू हो गई थी और इसके बाद दोनों दोस्त बन गए।
अरशद के कहने पर जामिया रहने लगा था शरजील
स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि साल 2020 में जब CAA और NRC के विरोध में जामिया इलाके में प्रदर्शन शुरू हुए तो मोहम्मद अरशद वारसी ने 10 दिसंबर 2020 के बाद शरजील को जेएनयू से जामिया नगर बुला लिया था। इसके बाद शरजील इमाम जामिया नगर में रहने लगा था। ये दोनों मिलकर स्थानीय लोगों को पंपलेट बांटकर उन्हें भड़काने का काम करते थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में दंगे भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम को गिरफ्तार किया था।
व्हाट्सएप कॉल पर करते थे आपस में बात
इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि ये दोनों दिल्ली दंगों के दौरान आपस में व्हाट्सएप कॉल के जरिए बात किया करते थे। मोहम्मद अरशद वारसी से पूछताछ के बाद हुए खुलासे से ये तो साफ हो गया है कि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI, दिल्ली दंगों में शामिल युवाओं को रेडिकलाइज करके ISIS का संदिग्ध आतंकी बना रही है और फिर उनका इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर रही है।