भोपाल
भाजपा की दूसरी सूची को देखकर अब यह स्पष्ट हो गया है कि सर्वे और सामाजिक समीकरण से हटकर अब प्रत्येक सीट को जीतना ही सर्वोच्च प्राथमिकता है। चार-चार केंद्रीय मंत्री और कैलाश विजयवर्गीय के साथ में अनेकों सांसदों को उतारकर पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब घोषित प्रत्याशी ऐसे हों जो स्वयं की विधानसभा सीट के साथ समीप की सीटों पर भी प्रभाव डालते हुए सफलता दिला सकें।
चार-चार कद्दावर मंत्री जिनका सर्वे, सामाजिक समीकरण या चर्चा में दूर-दूर तक कोई नाम नहीं था लेकिन हर हाल में संबंधित लोकसभा तथा आसपास की सीटें भी जीतने के लिए अपने कद्दावर मंत्री व सांसदों को मैदान में उतारकर यह संकेत दिया है कि अब स्वयं की व आसपास की सीटों को जिताने की जिम्मेदारी भी आपकी है।
ऐसे में राजगढ़ लोकसभा के सांसद को भी नरसिंहगढ़ से उतार दिया जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। रही बात राजगढ़ व ब्यावरा की तो दोनों सीटों से सोंधिया और ब्राह्मण प्रत्याशी घोषित किया जाना लगभग तय है। सोंधिया बाहुल्य राजगढ़ में पूर्व में ब्राह्मण प्रत्याशी की करारी हार हो चुकी है तो ब्यावरा में सोंधिया प्रत्याशी लगातार दो बार से हार का सामना कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में राजगढ़ से सोंधिया एवं ब्यावरा से ब्राह्मण प्रत्याशी पर मंथन चल रहा है। उक्त दोनों प्रत्याशियों की स्वीकार्यता का लाभ समीपवर्ती विधानसभाओंं में भी मिल सके यह देखा जा रहा है। अभी हम इसमें देखें तो राजगढ़ से ऐसे शिक्षित योग्य प्रभावशाली प्रत्याशी की तलाश है जिससे सुसनेर, खिलचीपुर और ब्यावरा में भी सोंधिया समाज का लाभ मिल सके तो वहीं ब्यावरा से ब्राह्मण समाज के ऐसे व्यक्ति की तलाश है
जिसका प्रभाव समीपवर्ती विधानसभाओं राजगढ़ , चाचौड़ा, नरसिंहगढ़ में भी मिल सके तथा नरसिंहगढ़ में परिवर्तन कर स्थानीय सांसद को प्रत्याशी बनाया जाता है तो धाकड़ समाज के साथ उनके व्यापक प्रभाव का लाभ भी पूरे लोकसभा में पार्टी को मिलेगा। नरसिंहगढ़ में परिवर्तन नहीं करने की स्थिति में उनका उपयोग पार्टी राजगढ़ लोकसभा के अतिरिक्त राघोगढ़ और बमोरी विधानसभा में तथा अन्य धाकड़ बहुल क्षेत्र में भी कर सकती है। क्योंकि धाकड़ किरार समाज के शिवराज जी के बाद वही प्रदेश के सर्वमान्य नेता हैं तथा उनकी सांगठनिक कुशलता के चलते प्रदेश स्तर पर भी उनके संगठन क्षमता का अच्छा उपयोग किया जा सकता है।
वहीं राजगढ़ में प्रभावी सोंधिया समाज के व्यापक स्वीकार्यता वाले प्रतिष्ठित व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। वहीं ब्यावरा विधानसभा से राजगढ़ और गुना लोकसभा में प्रभावी लाभ पहुंचाने की दृष्टि से ऐसे व्यक्ति जिनका ब्राह्मण , लोधा लोधी एवं अन्य सवर्ण एवं पिछड़ा वर्ग के साथ अधिकारी कर्मचारी पेंशनर्स वर्ग में व्यापक संपर्क व प्रभाव हो, ऐसे चेहरे पर विचार किया जा रहा है।
ताकि समीपवर्ती राघोगढ़ , चाचौड़ा के अतिरिक्त दोनों लोकसभा में इन वर्गों का समर्थन पार्टी को प्रभावी रूप से प्राप्त हो सके। निश्चित रूप से व्यापक प्रभाव वाले ऐसे चेहरे जो आज चर्चा में भी नहीं होंगे उन्हें उतारने से स्थानीय गुटबाजी भी समाप्त होगी तथा उनकी तत्काल ही स्वीकार्यता होगी। यह भाजपा ने अपनी दूसरी सूची घोषित करके उसको मिले व्यापक समर्थन से उत्साहित होकर ही यह तय कर लिया है।