नईदिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनेवोशन के मामले में अब सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई अब इस मामले की जांच करेगी। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिये थे। जिसके बाद अब सीबीआई ने प्राथमिक जांच दर्ज की है। अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। जिसके बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि सीबीआई ने इसे लेकर केस दर्ज किया है। दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियां यह आरोप लगाती आई हैं कि सीएम केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे। यह पार्टियां दावा करती आई हैं कि रेनोवेशन के दौरान लाखों रुपये के पर्दे और मार्बल लगाए गए थे। अब जब इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है तब यह कहा जा रहा है कि इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मकान में रेनोवेशन को लेकर बीजेपी, कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाए थे कि रेनोवेशन का काम उस वक्त किया गया था जब दिल्ली कोरोना महामारी से त्रस्त थी। आरोप यह भी लगे कि बंगले में नये तरीके से काम करवाने के लिए वित्तीय नियमों में भी बदलाव किये गये थे। सियासी दलों ने आरोप लगाया कि रेनोवेश के दौरान निकाले गये टेंडर में गड़बड़ी की गई थी।
याद दिला दें कि इससे पहले जून के महीने में यह भी खबर आई थी कि केजरीवाल के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन में कथित तौर से प्रशासनिक और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक करेंगे। एलजी सचिवालय ने इस मामले में केंद्र सरकार से सिफारिश की थी जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह ऐक्शन लिया था।
केजरीवाल के जिस बंगले के रेनोवेशन की जांच अब सीबीआई करेगी उसे लेकर यह आरोप हैं कि रीकंस्ट्रक्शन के नाम पर PWD ने नई इमारत ही खड़ी कर दी। कांग्रेस यह भी आरोप लगाती आई है कि निर्माण के दौरान कुछ संरक्षित इमारतों को भी तोड़ा गया। आरोप लगे कि 6 किस्तों में करोड़ों रुपये खर्च किये गये थे। इंटीरियन डेकोरेशन में साढ़े ग्यारह करोड़, स्टोन-मार्बल फ्लोरिंग में 6 करोड़, किचन अप्लायंसेज में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा और इसी तरह अन्य कार्यों में भी लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किये गये। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही उपराज्यपाल से इसकी शिकायत की थी।
मई महीने में दिल्ली के एलजी ने सीबीआई डायरेक्ट को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी. इसके आधार पर गृह मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अनुमति दे दी है.
दरअसल, दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच के बाद सामने में आईं कथित अनियमितताओं के सभी पहलुओं की जांच अब सीबीआई करेगी. इस मामले में गृह मंत्रालय द्वारा पहले ही सीएजी द्वारा एक विशेष ऑडिट का आदेश दिया जा चुका है.