लखनऊ
खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण स्थितियों के बीच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने देश भर में खालिस्तानी टेरर नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार की सुबह एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में छापेमारी की है। यूपी के लखीमपुर खीरी, पीलीभीत ओर अलीगढ़ समेत कुछ अन्य जिलों में छापेमारी की गई है। एनआईए, खालिस्तान समर्थक संदिग्धों की तलाश में जुटी है।
सूत्रों का कहना है कि एनआईए को इनपुट मिले हैं कि भारत में बैठे कुछ गैंगस्टर्स के संबंध खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ हैं। यही नहीं खालिस्तानी आतंकियों के जरिए कुछ गैंगस्टर्स को हथियार मिलने की बात भी आ रही है। ताजा ऐक्शन को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक एनआईए ने अधिकारिक स्तर पर इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है।
ड्रग्स और हथियारों के लिए हवाला नेटवर्क से फंडिंग
सूत्रों का कहना है कि विदेशों में बैठे कई खालिस्तान समर्थक भारत में अपने नेटवर्क के जरिए हवाला से ड्रग्स और हथियारों की फंडिंग कर रहे हैं। एनआईए लगातार इस चैनल को खत्म करने में जुटी है। ताजा कार्रवाई इन्हीं कोशिशों की नई कड़ी है। बताया जा रहा है कि पीलीभीत और लखीमपुर खीरी में छापेमारी के दौरान कई ऐसी चीजें मिली हैं जिनसे टेरर फंडिंग के संकेत मिलते हैं।
कहा जा रहा है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी देश में आतंकवाद नहीं फैला पा रही है तो अब खालिस्तान समर्थकों के जरिए अशांति फैलाने की कोशिश में जुटी है। सूत्रों का कहना है कि इनपुट के आधर पर एनआईए बुधवार को देश भर में 51 स्थानों पर छापेमारी कर रही है। इनमें यूपी के लखीमपुर खीरी, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली और पीलीभीत शामिल हैं।
छापेमारी से पीलीभीत में हड़कंप
छापामारी की सूचना से पीलीभीत में भी हड़कंप मच गया है। टीम ने पूरनपुर और घुंघचाई क्षेत्र में पहुंचकर जांच की है। टीम के आने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है और न ही अब तक एनआईए की टीम ने किसी स्थानीय पुलिस और अधिकारी से संपर्क किया है। अमृतपाल कनेक्शन को लेकर पीलीभीत के पूरनपुर और अमरिया क्षेत्र काफी चर्चाओं में रहा है। चर्चा है कि अबकी बार भी टीम खालिस्तान समर्थकों की तलाश या उस संबंध में सुराग जुटाने के लिए आई है। सीओ पूरनपुर आलोक सिंह ने बताया कि अभी एनआइए ने संपर्क नहीं किया है। यदि स्थानीय पुलिस से मदद मांगी गई तो हर संभव मदद की जाएगी।
बता दें कि मार्च में फरार होने के दौरान अमृतपाल उत्तराखंड होते हुए स्थानीय बड़ेपुरा गुरुद्वारा आया था। यहां से सेवादार जोगा सिंह उसे कार से पंजाब ले गया था। बाद में जोगा सिंह वहीं गिरफ्तार हुआ था। तब से एनआईए समेत अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर पीलीभीत आ चुका है।