लातेहार
उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर कमलेश सिंह उर्फ मुकेश उर्फ नाना ने सरेंडर कर दिया। उसने लातेहार एसपी अंजनी अंजन व सीआरपीएफ की 11वीं बटालियन के कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी के समक्ष उसने हथियार डाला। कमलेश छिपादोहर के हरहे गांव का रहने वाला है।
एसपी ने कहा कि सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर कमलेश ने आत्मसमर्पण किया है। जानकारी के अनुसार कमलेश पिछले 15 वर्षों से उग्रवादी संगठन से जुड़ा हुआ है। 2008 में बादल के दस्ते में शामिल हुआ था।
वहां करीब दो साल तक सक्रिय रहा और कई मुठभेड़ में शामिल रहा है। इसके बाद 2010 में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा के दस्ते में शामिल हुआ। उसके बाद से वह कई घटनाओं को अंजाम दिया है। आत्मसमर्पण करने के बाद सब जोनल कमांडर कमलेश सिंह ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया। आत्मसमर्पण के दौरान कमलेश की पत्नी व एक बेटा, एक बेटी मौजूद थे।
पुलिस के साथ कई मुठभेड़ों में शामिल रहा है कमलेश
मनिका के डोकी में 2011 में हुई मुठभेड़ में भी शामिल रहा है। वर्ष 2012 में सतबरवा के मानासोती जंगल मुठभेड़ में भी शामिल रहा है। वर्ष 2014 में बेन्दी जंगल में हुई मुठभेड़ में जेजेएमपी के दो उग्रवादी मारे गए थे। उसे मुठभेड़ में भी शामिल रहा है। वर्ष 2020 में बारेसाढ़ के पहाड़कोचा में हुई मुठभेड़ में भी हुआ शामिल रहा है। सब जनरल कमांडर कमलेश सिंह को 2013 में जेजेएमपी उग्रवादी संगठन द्वारा सब जनरल कमांडर बनाया गया था। उसके बाद से वह सतबरवा, लेस्लीगंज, छिपादोहर, गारू, बरवाडीह थाना क्षेत्र से लेवी वसूलने का काम करता था।