आगरा
आगरा के घटिया आजम खां चौराहा (हरीपर्वत) पर जाम सारे काम बिगाड़ रहा है। व्यापार चौपट हो रहा है। स्कूली बच्चे परेशान होते हैं। एंबुलेंस जाम में फंसती हैं। आए दिन झगड़े होते हैं। जाम की इस विकराल समस्या से निपटने के लिए जनता ने खुद कमर कस ली है। स्थानीय लोग और दुकानों पर काम करने वाले युवक यातायात व्यवस्था संभालेंगे। घटिया एके चौराहा ट्रैफिक मैनेजमेंट समिति बनाई गई है। चौराहे का संचालन करने वालों के नाम हरीपर्वत थाना पुलिस को दिए गए हैं।
घटिया आजम खां चौराहा शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक है। पुराने शहर में जाने वाले ज्यादातर वाहन और लोग इस चौराहे से गुरजते हैं। घटिया चौकी क्षेत्र में गायत्री, सेंट फ्रांसिस, सेंट पीटर्स, सेंट फेलिक्स, सेंट पेट्रिक, सेंट जोजफ, सेंट पॉल्स, सेंट विंसेंट, विक्टोरिया, एमडी जैन सहित करीब एक दर्जन स्कूल हैं। इन स्कूलों में 15 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच इस चौराहे से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं है।
चौराहे पर लगने वाले भयंकर जाम के मद्देनजर पूर्व पार्षद शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा और दवा व्यापारी अजहर इफ्तिखार ने एक समिति बनाई थी। समिति का नाम रखा घटिया एके चौराहा ट्रैफिक मैनेजमेंट समिति। वर्ष 2019 में कुछ समय इस समिति के माध्यम से यातायात का संचालन किया गया था। उसके बाद कोरोना आ गया। समिति ने भी काम करना बंद कर दिया। जाम की विकराल समस्या के बाद समिति दोबारा सक्रिय हुई है।
एक बार फिर फैसला किया गया है कि सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े सात बजे तक, दोपहर एक बजे से ढाई बजे तक और शाम छह बजे से साढ़े सात बजे यातायात का संचालन जनता करेगी। पुलिस भी साथ रहेगी। समिति में स्थानीय लोग और कर्मचारी टोनी केमिस्ट के मालिक और समिति के उपाध्यक्ष अजहर इफ्तिखार ने बताया कि समिति में स्थानीय लोग और दुकानों पर काम करने वाले युवकों को रखा गया है। सुबह के समय स्थानीय लोग यातायात के संचालन में मदद करेंगे।
हरीपर्वत थाने में समिति के छह सदस्यों के नाम दिए
हरीपर्वत थाने में समिति के छह सदस्यों के नाम दिए गए हैं। पहले चरण में यातायात के संचालन की जिम्मेदारी इनको दी गई है। समिति के सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि घटिया चौराहे पर जाम भयंकर हो जाता है। एक तरफ बेलनगंज, तो दूसरी तरफ फुलट्टी तक वाहनों की कतार लग जाती है। हरीपर्वत चौराहे की तरफ से आने वाले मंडी सईद खां से आगे नहीं बढ़ पाते हैं। दोहपर को स्कूलों की छुट्टी के समय मासूम बच्चे जाम में फंसकर परेशान हो जाते हैं। जाम के दौरान चौराहे पर स्थित एक भी दुकान पर ग्राहक नहीं आता है। ग्राहक को रुकने की जगह ही नहीं मिलती है।